script‘मुझे लगा विनेश फोगाट मर जाएंगी’, डिसक्‍वॉलीफिकेशन से पहले हुआ कुछ ऐसा, कोच ने किया चौंकाने वाला खुलासा | Thought she might die, says Vinesh Phogat coach on weight-cut before final Paris olympics 2024 | Patrika News
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‘मुझे लगा विनेश फोगाट मर जाएंगी’, डिसक्‍वॉलीफिकेशन से पहले हुआ कुछ ऐसा, कोच ने किया चौंकाने वाला खुलासा

पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट के कोच वॉलर एकोस ने फ़ाइनल मुक़ाबले से पहले वजन घटाने के लिए विनेश द्वारा किए गए संघर्ष के बारे में बताया है। एकोस ने बताया कि फ़ाइनल मुक़ाबले से एक रात पहले विनेश जिस रहा से अपना वेट कम कर रहीं थी। उन्हें डर था कि वह मर जाएंगी।

नई दिल्लीAug 17, 2024 / 12:58 pm

Siddharth Rai

Vinesh Phogat Disqualification: भारत की महान महिला रेसलर विनेश फोगाट के साथ जो पेरिस ओलंपिक में हुआ, वह ओलंपिक के इतिहास में कभी किसी भारतीय एथलीट या खिलाड़ी के साथ नहीं हुआ। विनेश को 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल रेस्लिंग के फ़ाइनल मुक़ाबले से पहले ओवरवेट होने की वजह से डिसक्‍वॉलीफाई कर दिया गया था। उन्हें मात्र 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहरा दिया गया था।
अब पेरिस ओलंपिक में विनेश के कोच वॉलर एकोस ने इसको लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एकोस ने बताया कि फ़ाइनल मुक़ाबले से एक रात पहले विनेश जिस रहा से अपना वेट कम कर रहीं थी। उन्हें डर था कि वह मर जाएंगी। एकोस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि विनेश ने वज़न कम करने के लिए उस रात सबकुछ किया। ताकि वह अगले दिन गोल्ड मेडल मुक़ाबला खेल सके। लेकिन 100 ग्राम अधिक वजन के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
एकोस ने लिखा, ‘सेमीफाइनल के बाद विनेश का 2.7 किलो वजन अधिक था। जिसके बाद हमने एक घंटे और बीस मिनट तक व्यायाम किया, लेकिन तब भी 1.5 किलो वजन बाकी था। बाद में, 50 मिनट की सौना बाथ के बाद, उनके शरीर से एक भी पसीने की बूंद नहीं निकली। हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा था, और आधी रात से सुबह 5:30 बजे तक, उन्होंने विभिन्न कार्डियो मशीनों और कुश्ती तकनीकों पर काम किया। इस दौरान वह बेहोश हो गईं, लेकिन किसी तरह हमने उन्हें उठाया और उन्होंने फिर से एक घंटे सौना में बिताया। उनकी हालत देख कर ऐसा लग रहा था की वह मर जाएंगी।
एकोस ने बताया कि जब विनेश को डिसक्‍वॉलीफाई किया गया वे वहीं खड़े होकर रोने लगीं। लेकिन उन्होंने बहुत शालीनता दिखाई। कोच ने कहा, ‘जब हम उस रात अस्पताल से लौट रहे थे, जब हमने बातें की। विनेश ने मुझसे कहा कि कोच, दुखी मत होइए, क्योंकि आपने मुझे कहा था कि अगर मैं खुद को किसी भी कठिन स्थिति में पाती हूं और मुझे अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत है, तो मुझे यह सोचना चाहिए कि मैंने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला पहल (जापान की युई सुसाकी) को हराया है। मैंने अपना लक्ष्य हासिल किया, मैंने साबित कर दिया कि मैं दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक हूं। हमने साबित कर दिया कि गेमप्लान काम करता है। पदक, मंच ये सिर्फ वस्तुएं हैं। प्रदर्शन को कोई नहीं छीन सकता।’
विनेश के जीवन में ओलंपिक पदक कितना महत्व रखता है। इस बात को याद करते हुए पिछले साल हुए पहलवानों के विरोध प्रदर्शन को याद किया। इस प्रादर्शन के दौरान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक, दोनों ओलंपिक पदक विजेताओं ने अपने मेडल को गंगा में बहाने का निर्णय लिया था। तब विनेश ने साक्षी और बजरंग से विनती की थी कि वे ऐसा ना करें। उन्होंने उनसे अनुरोध किया कि वे पदकों को अपने पास ही रखें।
कोच ने कहा कि विनेश फोगाट के डिसक्‍वॉलीफिकेशन के बावजूद, दुनिया उनके पहले दिन के मुकाबलों में की गई उपलब्धियों को याद करेगी। कोच ने कहा, ‘हम इस बात पर गर्व करेंगे कि हमारे पेशेवर कार्यक्रम ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिला पहलवान को हराने और एक भारतीय महिला पहलवान को इतिहास में पहली बार ओलंपिक फाइनल तक पहुंचाने में सक्षम बनाया।’

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