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Patrika Special: पेरिस में चौथे स्थान पर रहे शूटर अनंतजीत सिंह नरूका बोले- विफलता को सफलता में बदलकर रहूंगा

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक गेम्‍स में भारतीय निशानेबाज अनंतजीत सिंह नरूका मिक्स टीम स्किट इवेंट में सिर्फ एक अंक से कांस्य पदक जीतने से चूक गए। नरूका ने ‘पत्रिका’ से खास बातचीत में कहा कि वह विफलता को सफलता में बदलकर रहेंगे।

नई दिल्लीAug 14, 2024 / 09:39 am

lokesh verma

Paris Olympics 2024
Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय निशानेबाज अनंतजीत सिंह नरूका मिक्स टीम स्किट इवेंट में सिर्फ एक अंक से कांस्य पदक जीतने से चूक गए। वो दिन उनके लिए बेहद निराशाजनक था, लेकिन अब वह इससे उबरकर भविष्य में अच्छे प्रदर्शन करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। पहली बार ओलंपिक खेलों में शिरकत करने वाले नरूका ने ‘पत्रिका’ संवाददाता ललित पी शर्मा से खास बातचीत में कहा कि वह हर हाल में पदक जीतने की विफलता को सफलता में बदलकर रहेंगे।

मुझे मलाल है कि देश को पदक नहीं दिला सके

नरूका ने कहा, मुझे और माहेश्वरी को पदक जीतने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन एक गलत शॉट ने हमारी मेहनत पर पानी फेर दिया। मुझे मलाल है कि देश को पदक नहीं दिला सके, लेकिन हमने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया था, लेकिन हर विफलता हमें सफल होने का गुर सिखा जाती है। मैं अगले ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिए पूरी कोशिश करूंगा।

इवेंट से पहले आंखों से नींद गायब थी

ओलंपिक में विश्व के दिग्गज प्‍लेयर्स से सामना होता है। हमारा मुकाबला भी चीन से था। इवेंट से पहले की रात मैं कभी भूल नहीं सकता। पूरी रात करवट बदलते-बदलते बीती। बार-बार यही बात मन में आ रही थी कि कल यह करना, वह करना है। खैर वह रात बीती और हम मुकाबले पहुंचे। हालांकि मैंने और माहेश्वरी ने अपना 100 फीसदी दिया पर शायद वह हमारा दिन नहीं था।
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ओलंपिक में अलग तरह का दबाव होता है

मैंने विश्व कप समेत अनेक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेले हैं और जीते हैं, लेकिन ओलंपिक की बात ही अलग होती है। इसके लिए हम चार साल से तैयारी कर रहे थे। इस बीच हम घर भी बहुत कम आते थे और अधिकतर समय कैंपों में ही बीतता था। हालांकि मैं अपने ऊपर दबाव हावी नहीं होने देता लेकिन ओलंपिक में एक अलग तरह का दबाव था।

विश्व कप में स्वर्ण पदक हासिल करना है

ओलंपिक में पदक से चूक जाने का अफसोस होता है, लेकिन मैंने खुद को समझाया कि पदक न जीत सके तो क्या हुआ हम पूरी दुनिया में चौथे स्थान पर रहे हैं। अब अक्टूबर में विश्व कप खेलना है। पूरे भारत के शीर्ष 14 निशानेबाजों का चयन उसके लिए किया गया है। अब मेरा लक्ष्य विश्व कप में स्वर्ण पदक जीत देश का नाम रोशन करना है। उसके बाद फिर अगले ओलंपिक की तैयारी में लग जाऊंगा।

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