पिता ने दुनिया छोड़ने से पहले ही अमन का दखिला छत्रसाल स्टेडियम में कराया था
बता दें कि अमन ने महज 11 साल की उम्र में ही माता-पिता को खो दिया था। पिता ने दुनिया छोड़ने से पहले 2013 में ही अमन को छत्रसाल स्टेडियम में दाखिला दिलाया था। शायद उन्हें पता था कि एक दिन उनका बेटा देश के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल करेगा। अमन देश के लिए मेडल जीतने के बाद बेहद भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता भी यही चाहते थे कि मैं रेसलर बनूं। हालांकि उन्हें ओलंपिक के विषय में कुछ नहीं पता था, लेकिन वे मुझे रेसलर बनते देखना चाहते थे।
डारियन क्रूज को 13-5 के अंतर से दी पटखनी
अमन के इस पदक ने विनेश फोगाट के साथ हुए विवाद पर मरहम का काम भी किया। इसी के साथ ही पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या छह पहुंच गई है। हरियाणा के झज्जर निवासी अमन ने 57 किग्रा वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में प्यूर्टो रिको के पहलवान डारियन क्रूज को 13-5 के अंतर से पटखनी दी। शटलर क्वीन पीवी सिंधू को पछाड़ा
अमन सहरावत ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। वह इंडिविजुअल इवेंट में भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाले सबसे युवा एथलीट बन गए हैं। इस मामले में उन्होंने शटलर क्वीन पीवी सिंधू को पछाड़ा है।