बढ़ते अपराध की बड़ी वजह बन रहा है बजरी खनन
इस बात पर विचार करना होगा कि आखिर क्यों बजरी परिवहन का काम हथियारों के साए में होता है
पुलिस और बजरी माफिया में झड़प, ट्रेक्टर छुड़ा ले गए!
जो बजरी, सीमेंट के साथ मिलकर निर्माण को मजबूत बनाती है वही बजरी राजस्थान में अपराध की जड़ बन रही है। दोष शायद इतना ही है कि कुदरत ने इस प्रमुख खनिज को नदियों की गोद में फैलाया है। पिछले सालों में बजरी के वैध-अवैध खनन को लेकर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अपराधी तत्व जिस तरह से आमने-सामने हो रहे हैं वह चिंता पैदा करता है। बजरी के अवैध व्यापार में माफिया की घुसपैठ करीब डेढ़ दशक पहले तक नहीं थी। ऐसा नहीं है कि इस दौरान बजरी की संरचना में कोई बदलाव आ गया हो और बजरी के कणों में सोने के कण मिलने लगे हों। दरअसल सरकारी नीतियों के चलते बजरी का कारोबार कालिख की दलदल में फंसने लगा है। अब बजरी का कारोबार रसूखदारों और दबंगों का कारोबार बन गया है। आसमान छूते दामों और गांव की सड़कों से लेकर राजमार्गों तक इसके दोहन में लगे गिरोहों की आपसी लड़ाई में जनता परेशान हो रही है। प्रदेश के लगभग हर कोने से बजरी के अवैध खनन और उसके परिवहन के चलते वारदातों की खबरें लगातार मिल रही हैं। बेखौफ बजरी माफिया अफसरों और पुलिसकर्मियों तक के प्राण लील चुका है।
ताजा मामला जोधपुर के बीच बाजार में फायरिंग का है। दो गुटों के बीच लगातार हो रही गैंगवार ने सड़क पर गोलियां चलवा दीं। पुलिस-प्रशासन के लिए बजरी माफिया पर काबू पाना बड़ी चुनौती है। एसीबी की पिछली कार्रवाइयां इस बात की गवाही देती हैं कि कई भ्रष्ट पुलिसकर्मी बजरी माफिया की करतूतों की तरफ से आंखें मूंद लेते हैं। देखने वाली बात यह है कि आखिर बजरी कारोबार के बिगड़ते हाल के लिए जिम्मेदार कौन है? क्यों घर बनाने वाली, हमारे विकास की भागीदार बनने वाली बजरी का कारोबार प्रदेश में नशे या हथियारों के काले कारोबार जैसा बन गया है? क्यों बजरी परिवहन का काम हथियारों के साए में होता है? क्यों उन सड़कों से लोग रात में नहीं निकलने में ही भलाई समझते हैं, जहां से बजरीवाहन गुजरते हैं? इस काले कारोबार की गुत्थी को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो प्रदेश के अमन-चैन का दामन दागदार होते देर नहीं लगेगी। सरकार को चाहिए कि खनन, पर्यावरण, पुलिस विभागों और नागरिकों के साथ मिलकर बजरी खनन और परिवहन की ऐसी नीति बनाए जिसमें अपराधी तत्वों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए और प्रदेश के विकास की नींव शांति के साथ डल सके।
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