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ट्रैवलॉग अपनी दुनिया : सापूतारा को माना जाता है नागों की धरती

सापूतारा को लेक सिटी भी कहा जाता है। इसका कारण है सापूतारा के बीचों बीच बनी एक सुंदर और मनोरम झील, जो कि सैलानियों के आकर्षण का मुख्य कारण है।

Jun 03, 2021 / 09:25 am

विकास गुप्ता

ट्रैवलॉग अपनी दुनिया : सापूतारा को माना जाता है नागों की धरती

ट्रैवलॉग अपनी दुनिया : सापूतारा को माना जाता है नागों की धरती

कायनात काजी , (फोटोग्राफर, ब्लॉगर, स्टोरीटेलर)

गुजरात का एक मात्र हिल स्टेशन सापूतारा डांग जिले में पड़ता है। यहां के जंगल मदहोश करने वाले हैं। टीक और बांस के पेड़ों से भरी यह वन संपदा कभी अंग्रेजों के लिए भी आकर्षण का केंद्र रही थी। यह जंगल घर है वर्ली, खुम्बी, भील और डांगी आदिवासी समाज का। कहते हैं ये लोग 8वीं से 10वीं शताब्दी के दौरान यहां आकर बसे और यहीं के होकर रह गए। खुद को जंगलपुत्र कहने वाला यह समाज जंगलों से अथाह स्नेह रखता है। इसका प्रभाव इनके जीवन के हर पहलू पर देखने को मिलता है। इनके वाद्य यंत्र भी बांस के बने होते हैं। इनके लोक नृत्यों में बांस के बने मुखौटों का प्रयोग किया जाता है। शरीर पर बने टैटू में भी पेड़ों की आकृति का उपयोग होता है।

सापूतारा को लेक सिटी भी कहा जाता है। इसका कारण है सापूतारा के बीचों बीच बनी एक सुंदर और मनोरम झील, जो कि सैलानियों के आकर्षण का मुख्य कारण है। यहीं लेक के नजदीक ही एक बेहद शांत और खूबसूरत उद्यान है सापूतारा लेक गार्डन, जहां पर बच्चों के मनोरंजन के कई आकर्षण मौजूद हैं। सापूतारा है तो गुजरात का भाग, लेकिन महाराष्ट्र के नजदीक होने के कारण इसके जीवन पर महाराष्ट्र की छाप भी देखने को मिलती है। यहां दो आदिवासी जातियां पाई जाती हैं। डांगी और वरली। संग्रहालय में डांगी आदिवासी समाज के जीवन को विभिन्न सामग्रियों के जरिए बड़े ही अच्छे ढंग से दर्शाया गया है।

सापूतारा का मुख्य आकर्षण है, यहां के हरियाली में डूबे पठार और घाट। इन्हीं की खूबसूरती देखने लोग मानसून में यहां आते हैं। इस पूरे स्थान को देखने के लिए कई पॉइंट बने हुए हैं, जिसमें एक पॉइंट है सनसेट पॉइंट। शाम ढलते हुए यहां एक मेला-सा लग जाता है। इसी तरह टेबल पॉइंट पहाड़ी की ऊंचाई पर बना एक समतल स्थान है। यहां पर बच्चों के मनोरंजन के लिए कई तरह के साधन हैं।

सापूतारा के आकर्षणों में एक नया आकर्षण भी जुड़ा है द्ग यहां पर बना रोप वे। सनराइज पॉइंट से सूर्योदय बहुत खूबसूरत नजर आता है। सापूतारा में प्रवेश करने से पहले ही एक पॉइंट पड़ता है, जिसका नाम इको पॉइंट है। यहां खड़े होकर जोर से चिल्लाने पर आपकी आवाज पहाडिय़ों से टकरा कर इको करती है। डांग के जंगलों में हैं, तो यहां बने लॉग हट में एक दिन के लिए रुक कर जरूर देखें। इनमें रुक कर आपको जंगल में रहने की फीलिंग जरूर आएगी। जंगल की सैर पर निकले हैं, तो जंगल की सौगात से भी रूबरू होना तो बनता ही है। ऐसे में हनी बी सेंटर देखने जरूर जाएं।

सापूतारा धरती है नागों की। इसका प्रमाण यहां स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर से भी मिलता है। यहां के आदिवासी समाज में इस मंदिर की बड़ी मान्यता है। नागेश्वर महाराज को नागों का ईश्वर माना जाता है। नाग पंचमी के दिन इस मंदिर पर श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ जुटती है। युवाओं के लिए गवर्नर हिल पर सनसेट पॉइंट के पास बना है सापूतारा एडवेंचर पार्क। यहां सुबह आठ बजे से शाम 6 बजे तक एडवेंचर से जुड़ी कई तरह की गतिविधियां होती हैं। इस जगह तक पहुंचने के लिए आपको टेबल पॉइंट तक जाना होगा। यहां पर पैराग्लाइडिंग भी की जाती है, पर यह बारिश में नहीं होती।

सापूतारा का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन वघई है, जो कि सापूतारा से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्टेशन से पर्यटकों को मुंबई, दिल्ली, बाकी और भी जगहों के लिए आसानी से ट्रेन मिलती है। सापूतारा मुंबई से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, तो सूरत से सापूतारा की दूरी 160 किलोमीटर है।

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