scriptpatrika opinion जिंदगियां तबाह कर सकती है छोटी-सी लापरवाही | Patrika Opinion A little carelessness can ruin lives | Patrika News
ओपिनियन

patrika opinion जिंदगियां तबाह कर सकती है छोटी-सी लापरवाही

त्योहार खुशी मनाने और बांटने के अवसर होते हैं, लेकिन लापरवाही जनित हादसे कई बार ऐसे मौके पर दु:खों का पहाड़ भी खड़े कर देते हैं। हालत यह है कि होली हो चाहे मकर संक्रांति या फिर दीपावली, अस्पतालों में विशेष इंतजाम करने पड़ते हैं। यह वाकई विडंबना है कि अंधेरे पर प्रकाश की विजय का संदेश देने वाला दीपावली का त्योहार भी पटाखों की वजह से कई लोगों की जिंदगी में अंधेरा कर देता है। थोड़ा विवेक से काम लें तो हालात बदल सकते हैं।

जयपुरOct 29, 2024 / 09:49 pm

Gyan Chand Patni

fire crackers
आतिशबाजी चाहे चलानी हो या देखनी हो वाकई रोमांच का अनुभव देने वाली होती है, लेकिन कब यह जानलेवा बन जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। केरल के कासरगोड जिले के वीरर्कवु मंदिर में मनाए जा रहे उत्सव के दौरान स्टोर में रखे पटाखों में हुए विस्फोट की घटना इस तरह की सामग्री को लेकर बरती जाने वाली लापरवाही का बड़ा उदाहरण है। चिंता इस बात की है कि आतिशबाजी व रोशनी की चकाचौंध में किसी भी आयोजन से जुड़ी सामान्य सावधानियों की अनदेखी होने लगी है।
पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। कस्बों से लेकर महानगरों तक पटाखों की दुकानें सज गई हैं। पटाखों की फैक्ट्रियों व दुकानों में आग लगने की घटनाएं हर साल होती हैं। ये हादसे बताते हैं कि छोटी-सी लापरवाही कई जिंदगियों को तबाह करने के लिए काफी है। लगातार हो रहे हादसों के बावजूद न तो पटाखों की सुरक्षित बिक्री पर ध्यान दिया जाता है और न ही आतिशबाजी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर। हालत यह है कि बिना लाइसेंस के भी पटाखे की दुकानें खूब लगी हुई हैं। जिन लोगों ने पटाखे बेचने के अस्थायी लाइसेंंस लिए हैं, उन्होंने आग बुझाने के एहतियाती उपाय किए हैं या नहीं, यह देखने वाला भी कोई नहीं है। लाइसेंस लेने के लिए यह जरूरी माना जाता है कि पटाखों की बिक्री व स्टोर करने वाला स्थान रिहायशी इलाकों में नहीं होना चाहिए। यह स्थान जरूरत पडऩे पर दमकलों के आसानी से पहुंचने योग्य होना चाहिए। ऐसी दुकान ज्वलनशील और विस्फोटक भंडारण वाले स्थान से कम से कम 15 मीटर दूरी पर होनी चाहिए। प्रशासन को पटाखे की दुकानों पर नजर रखनी चाहिए और शर्तों का उल्लंघन करने वालों के लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि हादसों से बचा जा सके। पटाखों की सुरक्षित बिक्री सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। साथ ही पटाखे चलाते समय जनता को भी सावधान और सतर्क रहना चाहिए। हादसा होने पर ही जागना समझदारी नहीं है।
त्योहार खुशी मनाने और बांटने के अवसर होते हैं, लेकिन लापरवाही जनित हादसे कई बार ऐसे मौके पर दु:खों का पहाड़ भी खड़े कर देते हैं। हालत यह है कि होली हो चाहे मकर संक्रांति या फिर दीपावली, अस्पतालों में विशेष इंतजाम करने पड़ते हैं। यह वाकई विडंबना है कि अंधेरे पर प्रकाश की विजय का संदेश देने वाला दीपावली का त्योहार भी पटाखों की वजह से कई लोगों की जिंदगी में अंधेरा कर देता है। थोड़ा विवेक से काम लें तो हालात बदल सकते हैं। दीपोत्सव के दौरान खासी सतर्कता बरतनी होगी। ध्यान रहे, कहीं आतिशबाजी का रोमांच अपनी व दूसरों की जान खतरे में न डाल दे।

Hindi News / Prime / Opinion / patrika opinion जिंदगियां तबाह कर सकती है छोटी-सी लापरवाही

ट्रेंडिंग वीडियो