गरीबी के जाल में फंसने से बच रहे हैं मरीज
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ पर, आइए हम सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी, सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हम आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ भारत के निर्माण की यात्रा को जारी रखें।
जगत प्रकाश नड्डा
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएम-जेएवाइ) की छठी वर्षगांठ गर्व और चिंतन का क्षण है। २३ सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई एबी-पीएम-जेएवाइ आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना में से एक बन चुकी है। यह योजना सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि सभी नागरिकों, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्गों के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। पिछले छह वर्षों में, इस योजना के तहत लाखों लोगों को जीवनरक्षक उपचार मिला है। एबी-पीएम-जेएवाइ की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि एक राष्ट्र जब अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ एकजुट होता है, तो क्या कुछ हासिल कर सकता है। आयुष्मान भारत का मुख्य मिशन यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय अपनी वित्तीय स्थिति के कारण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल देखभाल को कवर करने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपए के वार्षिक कवरेज के साथ, एबी-पीएम-जेएवाइ ने आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने का साधन प्रदान किया है।
हाल ही भारत सरकार द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एबी-पीएम-जेएवाइ के लाभों का विस्तार करने का निर्णय किया हैै। इससे पहले, हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैसे कि आशा बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायकों के परिवारों को योजना के दायरे में लाया गया था। अब 55 करोड़ से अधिक लोग योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पात्र हैं। अभी तक 7.5 करोड़ से अधिक सफल उपचार प्रदान किए गए हैं जिस पर 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक का खर्च हुआ है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो परिवार चिकित्सा खर्च के कारण गरीबी में धकेल दिए जाते थे, उनके लिए अब यह योजना वित्तीय ढाल साबित हो रही है। योजना के तहत लाभार्थी किसानों से लेकर दैनिक मजदूरों तक के कथन इस बात का प्रमाण हैं कि यह योजना उन्हें आर्थिक परेशानी से बचा रही है। इस मायने में आयुष्मान भारत ने वास्तव में अपने वादे को पूरा किया है। इस योजना में उपचार का दायरा बहुत व्यापक है, जो 1900 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करता है, जिनमें हृदय बाइपास या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी से लेकर कैंसर और गुर्दे की बीमारियों के उपचार तक शामिल हैं। ये ऐसे उपचार हैं जो पहले तमाम लोगों की पहुंच से बाहर थे। एबी-पीएम-जेएवाइ की एक विशेषता इसका एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नेटवर्क तैयार करने की क्षमता रही है। आज, भारत भर के 29,000 से अधिक अस्पताल, जिनमें 13,000 से अधिक निजी अस्पताल शामिल हैं, योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। यह नेटवर्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले लोग भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें।
योजना की अद्वितीय पोर्टेबिलिटी सुविधा ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपने राज्य के साथ ही देश भर के अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं। इस विशाल नेटवर्क को एक मजबूत आइटी बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित किया गया है जो दावों के निपटान में पारदर्शिता, दक्षता और गति सुनिश्चित करता है। आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन और पेपरलेस क्लेम प्रोसेसिंग के कार्यान्वयन ने धोखाधड़ी और अक्षमता को काफी हद तक कम किया है, जो अक्सर ऐसी बड़ी सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में एक बड़ी चुनौती होती है। आयुष्मान भारत की सफलता ने स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य हिस्सों में भी सुधार को प्रेरित किया है। योजना के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर जोर ने सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों को अपने बुनियादी ढांचे और सेवाओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अतिरिक्त, इसने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण विकसित किया है, जो प्रदाताओं को रोगी कल्याण को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। आयुष्मान भारत सिर्फ माध्यमिक और तृतीयक स्तरीय अस्पताल चिकित्सा के बारे में नहीं है। एबी-पीएम-जेएवाइ के साथ-साथ, सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिर के निर्माण के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर भी काम कर रही है। ये स्वास्थ्य केंद्र सुरक्षात्मक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य जनसंख्या में कुल रोगों के भार को कम करना है। अब तक की योजना की सफलता सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और लोगों के बीच की गई कड़ी मेहनत, समर्पण और सहयोग को दर्शाती है। हम प्रत्येक नागरिक के कल्याण और स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ पर, आइए हम सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी, सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हम आने वाली पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ भारत के निर्माण की यात्रा को जारी रखें।
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