ये है टीम इंडिया के सामने पांच बड़ी चुनौतियां
खिताबी की प्रबल दावेदार मानी जा रही टीम इंडिया को न्यूजीलैंड से हार के बाद पाकिस्तान के खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
जयपुर। फटाफट क्रिकेट का रोमांच धीरे-धीरे बढऩे लगा है। टीम इंडिया ने अपने सफर की शुरुआत कर ली है। वर्ल्ड कप शुरु होने से पहले टीम इंडिया को खिताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने पहले मुकाबले में टीम ने जिस तरह से घुटने टेक दिए, उससे सवालिया निशान खड़े हो रहे है। मैच में टीम इंडिया कीवीयों के सामने हर विभाग में कमजोर नजर आई। अगर टीम ने शनिवार को पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबले में इन कमियों में सुधार नहीं किया तो उसका दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने की राह बहुत मुश्किल हो जाएगी।
आइये हम आपको बताते कि क्या टीम इंडिया की परेशानी की वजह
1. स्पिन खेलने में दिक्कत
टीम इंडिया के बल्लेबाज स्पिन को अच्छी तरह के खेलने के लिए जाने जाते है लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए मुकाबले में यह कमी सबके सामने आ गई। आलम यह था कि भारत के 11 में से 9 बल्लेबाजों के विकेट न्यूजीलैंड के स्पिनरों ने लिए। संतनेर, सोढ़ी और मैकुलम ने टीम इंडिया के बल्लेबाजी की सारी पोल खोल दी। हालांकि इस मैच में भारतीय गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की थी। भारतीय बल्लेबाजों को पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मुकाबले में इस कमजोरी को दूर करते हुए गेंदबाजों पर जमकर प्रहार करना होगा।
2. होम एडवांटेज का फायदा न उठाना
वर्ल्ड कप के शुरू होने से क्रिकेट के दिग्गजों द्वारा यह कहा जा रहा था कि भारतीय टीम को होम ग्राउंड का भी फायदा मिलेगा। इसका एक और कारण यह भी था कि हाल ही में टीम इंडिया शानदार फॉर्म से गुजर रही है। इस साल आस्ट्रेलिया और श्रीलंका को द्विपक्षीय सीरीज में हराने के बाद भारत ने एशिया कप भी अपने नाम किया था लेकिन कीवी टीम से हार के बाद टीम इंडिया पर सवालिया निशान लगने शुरु हो गए। हालांकि भारतीय टीम को अपने दर्शकों का पूरा समर्थन मिलेगा लेकिन उसे भी अपने प्रदर्शन से दर्शकों को खुश करने का मौका देना होगा।
3. मध्यक्रम की फॉर्म में निरन्तरता न होना
पिछले कई टी 20 मुकाबलो से यह देखा जा रहा है कि जब भारतीय टीम के ओपनर अच्छी शुरुआत करते है तो बाकी के बल्लेबाज भी अच्छा प्रदर्शन करते है लेकिन जब टीम के ओपनिंग जोड़ी फेल हो जाती है तो दबाव मध्यक्रम पर आ जाता है और वे इस दबाव को झेल नहीं पाते है। सुरेश रैना, युवराज सिंह और रवीन्द्र जडेजा की फॉर्म में निरन्तरता न होना चिंता का विषय है। इन बल्लेबाजों को पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना होगा।
4. विराट कोहली पर ज्यादा निर्भर रहना
विराट कोहली टीम इंडिया की बल्लेबाजी की धुरी माने जाते है। उन्होंने कई बार आगें आकर टीम को जीत दिलाई है। पिछले कई मुकाबले में यह देखा गया है कि ओपनिंग जोड़ी के फ्लॉप होने पर जीत का दारोमदार विराट के कंधो पर आ जाता है। ऐसे में विराट अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझते हुए टीम को जीत दिलाते है लेकिन अगर वो फेल हो जाते है तो टीम की जीत की राह काफी कठिन हो जाती है। न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। मैच में जब तक विराट बल्लेबाजी कर रहे थे ऐसा लग रहा था कि भारत यह मैच निकाल लेगा लेकिन उनके आउट होते ही बाजी एकदम से पलट गई।
5. ग्रुप ऑफ डेथ में कम रन रेट का होना
टी 20 वर्ल्ड कप में भारत का ग्रुप सबसे कठिन ग्रुप है। टूर्नामेंट में ज्यादा मैच नहीं बचे है और भारतीय टीम के ग्रुप में ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, पाकिस्तान और बांग्लादेश के खिलाफ मैच खेलना है। इसलिए ग्रुप का हर मैच महत्वपूर्ण है। खिताब के लिए ऑस्ट्रेलिया भारतीय टीम को कड़ी चुनौती देगी। वहीं बांग्लादेश की टीम अब पहले की तरह कमजोर नहीं रही। पाकिस्तान के खिलाफ हुए मुकाबले में बांग्लादेश ने कजब जजबा दिखाया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली करारी हार भारत की नेट रनरेट को माइनस में कर दिया। ऐसे में भारत को सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई करना है तो अपने आगे मुकाबले में केवल जीत पर ही ध्यान नहीं देना बल्कि नेट रनरेट पर भी ध्यान देना होगा। फिलहाल भारतीय टीम की नेट रनरेट माइनस 2.350 है।
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