परिवहन और संचार व्यवस्था कैसी होनी चाहिए एमएलबी की बाल वैज्ञानिक कक्षा सात की निकिता ने साधन एवं परिवहन के साथ संचार का संदेश दिया है। बाल वैज्ञानिकों ने केवल देश के विकास पर बल्कि हमारी भावी पीढ़ी के लिए आधुनिक सुविधाओं के बीच बसाहट, बाजार, परिवहन और संचार व्यवस्था कैसी होनी चाहिए। बाल वैज्ञानिकों ने मॉडल के जरिए भविष्य के भारत को विकसित करने का संदेश देने की छोटी सी कोशिश की है। प्रस्तुत है बाल वैज्ञानिकों के मॉडल की रिपोर्ट
बढ़ती जनसंख्या के बीच हमारी बसाहट माध्यमिक स्कूल आनंद नगर के बाल वैज्ञानिक पीयूष ने मॉडल में कृषि विषय पर अपनी राय दी है। एक मॉडल में आधुनिक कृषि से रोजगार, सोलर पैनल से बिजली की आपूर्ति, ड्रिप सिंचाई, ग्रीन हाउस का प्रभाव, कृषि यंत्र आदि को दर्शाते हुए मॉडल के जरिए आधुनिक कृषि संरचना और बढ़ती जनसंख्या के बीच हमारी बसाहट कैसी होनी चाहिए। कॉलोनी का डेवलपमेंट कैसा होना चाहिए। इस पर चिंता व्यक्त किया है।
प्राचीन बाजार का तेजी से बदलता स्वरूप छात्र विशाल कास्डे ने मॉडल में प्राचीन बाजार की तेजी से बदलते स्वरूप को दर्शाया हे। विशाल ने मॉडल के जरिए प्राचीन बाजार के साथ आधुनिक बाजार में वस्तुओं की पैकिंग के साथ-साथ ऑनलाइन शॉपिंग, फुटपाथ, मॉल आदि तरह के बाजार का जिक्र किया है। प्राचीन बाजार के बदलते स्वरूप इसमें प्राचीन और आधुनिक बाजार को दर्शाया गया
छात्रा ने विज्ञान के साथ पर्यावरण बचाने का दिया संदेश बाल वैज्ञानिक माध्यमिक स्कूल परदेशीपुरा की कक्षा आठ की छात्रा तस्मीया पिता रईस ने भूगोल विषय पर मॉडल प्रस्तुत किया है। तस्मीया ने मॉडल के जरिए पृथ्वी अपने अक्ष पर कैसे घूमती है।और पृथ्वी के घूमने से दिन-रात होने के चक्र को समझाया है। साथ ही पृथ्वी पर पर्यावरण को बेहतर करने का संदेश दिया है।
विज्ञान प्रदर्शनी में बाल वैज्ञानिकों ने विषयवार मॉडल प्रस्तुत किया है। इसमें कई स्कूली छात्रों ने अपने-अपने मॉडल में विकसित भारत की तस्वीर साझा की है। बाल दिवस के अवसर पर स्कूल और छात्रावासों में मेले का आयोजन किए जाएंगे। ब्लाक व जिला स्तरीय पर विज्ञान प्रदर्शनी की तैयारी चल रही है।पीएस सोलंकी, जिला शिक्षा अधिकारी