scriptIPL: साढ़े आठ करोड़ में रिटेन हुआ यह खिलाड़ी, इस महिला की वजह से हो पाया कामयाब | woman behind the success of this player | Patrika News
नोएडा

IPL: साढ़े आठ करोड़ में रिटेन हुआ यह खिलाड़ी, इस महिला की वजह से हो पाया कामयाब

यूपी का यह खिलाड़ी एक महिला की वजह से कामयाब हुआ।

नोएडाJan 27, 2018 / 05:48 pm

Kaushlendra Pathak

woman behind the success of this player
नोएडा। शनिवार को आईपीएल 2018 के लिए खिलाड़ियों की बोली लगनी शुरू हो गई। इसमें कुछ वेस्ट यूपी के खिलाड़ी भी शामिल हो सकते हैं। इनमें अमरोहा के मेाहम्‍मद शमी, ग्रेटर नोएडा के शिवम मावी व अनुरीत, अलीगढ़ के पियूष चावला और मेरठ के प्रवीण कुमार भी ऑक्‍शन में दांव पर हैं। वहीं, गाजियाबाद निवासी सुरेश रैना और मेरठ के भुवनेश्‍वर पहले ही बुक हो चुके हैं। वहीं, भुवनेश्‍वर कुमार सनराइजर्स हैदराबाद टीम की तरफ से आईपीएल में दिखेंगे। ये पहले ही साढ़े आठ करोड़ में रिटेन हो चुके हैं। लेकिन, आज हम आपको भुवनेश्वर कुमार की कामयाबी के पीछे जिसका हाथ उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
woman behind the success of this player
बहन ने भूवी को बनाया कामयाब

भुवनेश्वर कुमार की बड़ी बड़ी बहन ने मदद नहीं की होती तो शायद आज वह उस मंजिल पर नहीं पहुंचा होता, जहां पूरी दुनिया उसकी तारीफ कर रही है। दरअसल, जब भुवनेश्वर कुमार ने क्रिकेट की शुरुआत की थी तब उनके घर की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि परिवार उनके इस खेल का भार उठा पाता। लेकिन, बड़ी बहन रेखा अधाना भुवी की मेहनत और जज्बे को देखकर उसे बड़ा क्रिकेटर बनते देखना चाहती थी। रेखा ने न सिर्फ घर से छह किलोमीटर दूर भामाशाह पार्क क्रिकेट एकेडमी में भुवी को दाखिला दिलाया, बल्कि वे रोजाना यहां लेकर भी जाती थीं। इसी बीच महंगे स्पोर्ट्स के सामान के लिए पैसे कम पड़ जाते थे तो वे अपनी बचत से भुवनेश्वर के लिए सामान खरीदकर देती थीं। बड़ी बहन की इस सहायता के बाद भुवी ने भी मैदान में पसीना बहाने में कोर्इ कसर नहीं छोड़ी और जूनियर क्रिकेट खेलते हुए इंटरनेशनल क्रिकेट तक आ पहुंचा। आज वह टीम इंडिया का नंबर एक तेज गेंदबाज बन चुके हैं।
ये भी पढ़ें- वेस्ट UP के इस शहर से भी अब भर सकेंगे उड़ान, केन्द्र सरकार ने योजना को दी मंजूरी

woman behind the success of this player
पिता के पास नहीं था समय

टीम इंडिया के स्विंग मास्टर भुवनेश्वर कुमार से सात साल बड़ी बहन रेखा ने बचपन में ही उनकी क्रिकेट प्रतिभा को पहचान लिया था। इसलिए, वे भुवी की क्रिकेट प्रैक्टिस पर जोर देती थीं। वहीं पिता किरनपाल सिंह बागपत में पुलिस विभाग में तैनात थे। पिता के पास इतना समय नहीं था कि वह भुवनेश्वर को क्रिकेट सिखाने के लिए एकेडमी तक ले जाते। पिता की व्यस्तता के चलते भुवनेश्वर कुमार को क्रिकेट सिखवाने का जिम्मा रेखा ने खुद लिया। उस समय भुवनेश्वर की उम्र 13 साल की थी। भामाशाह पार्क क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन दिलाने के बाद वह शाम को रोजाना यहां लाती और उन्हें घर लेकर जाती थीं।
यह भी पढ़ें

अखिलेश के करीबी विधायक ने दी आत्मदाह की धमकी

woman behind the success of this player
लोगों के लिए मिसाल बन गईं रेखा

कोच संजय रस्तोगी का कहना है कि भुवनेश्वर मैदान के अंदर जितनी मेहनत करता था, उसकी बहन मैदान के बाहर उसकी मदद करती थी। इस दौरान रेखा भूवी का बेहद ख्याल रखती थी और उसकी प्रोग्रेस के बारे में लगातार पूछती रहती थी। कभी-कभी भुवनेश्वर को स्पोर्ट्स का सामान के लिए पैसे कम पड़ जाते थे तो वे अपनी बचत के पैसों से भुवनेश्वर को जूते व अन्य सामान दिलवाती थी। बहन के इसी जज्बे से भुवनेश्वर को मैदान में लगातार बेहतर करने की प्रेरणा मिली और उन्होंने सफलता की सीढ़ी चढ़नी शुरू की। भुवनेश्वर ने यूपी अंडर-14 व अंडर-16 टीम के लिए खेलते हुए यूपी रणजी टीम में जगह बनार्इ। आज भुवनेश्वर टीम इंडिया के सबसे बड़े बॉलर बन गए हैं। बहन के जज्बे और भार्इ की मेहनत ने लोगों को प्रेरणा भी दी है।
देखें VIDEO- https://www.youtube.com/watch?v=GSLeqm6itY8

Hindi News / Noida / IPL: साढ़े आठ करोड़ में रिटेन हुआ यह खिलाड़ी, इस महिला की वजह से हो पाया कामयाब

ट्रेंडिंग वीडियो