दिल्ली में हुई हिंसा के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ने बॉर्डर पर लंबे समय से आंदाेलन कर रहे किसानाें से वार्ता की। इस दाैरान घंटाें चली वार्ता में यह निर्णय हुआ कि भानु गुट अब आंदाेलन का हिस्सा नहीं रहेगा और वह अपना आंदाेलन खत्म कर रहे हैं। बतादें कि भानु गुट के किसान बड़ी संख्या में चिल्ला बॉर्डर पर पिछले 58 दिनाें से बैठे हुए हैं। अब इस वार्ता के बाद इन्ही किसानाें ने कहा है कि दिल्ली में जाे कुछ भी हुआ उससे वह बेहद आह्त हैं। भानु गुट के किसानाें ने दिल्ली की घटना की कड़े शब्दों में घाेर निंदा भी की है।
प्रेसवर्ता में की घाेषणा भारतीय किसान यूनियन के भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बुधवार काे चिल्ला बॉर्डर पर ही प्रेस कांफ्रेस बुलाई। इस दाैरान उन्हाेंने साफ शब्दों में कह दिया कि वह दिल्ली की घटना से आह्त हुए हैं इसलिए अपना आंदाेलन वापस ले रहे हैं।
वीएम सिंह ने भी वापस लिया आंदाेलन राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने भी अपना आंदाेलन वापस लेने की घाेषणा कर दी। इतना ही नहीं वीएम सिंह ने दिल्ली में किसानाें के नाम पर हिंसा करने वाले हुड़दंगियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है। उन्हाेंने यह भी कहा है कि दिल्ली में तिरंगे की मार्यादा काे भंग किया गया है जाे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं है। उन्हाेंने इस पूरे मामले में सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि दिल्ली में जाे कुछ हुआ उसके लिए कहीं ना कहीं सिस्टम भी जिम्मेदार है। वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े किए और कहा कि सरकार के साथ मिटिंग में एक बार भी राकेश टिकैत ने गन्ना मूल्य का मुद्दा नहीं उठाया। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के सहारनपुर के जिलाध्यक्ष सुखबीर सिंह और युवा जिलाध्यक्ष वीशू त्यागी ने कहा कि वह अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हैं और उनका संगठन हिंसा की निंदा करता है वह अहिंसा वादी विचारधारा के लाेग हैं।