अर्बन इनोवेशन समिट में शामिल जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने कहा कि किसी भी शहर के लिए पीने के पानी के जरूरत बेहद महत्वपूर्ण है। हर किसी को पर्याप्त मात्रा में पानी मिले और उस पानी की गुणवत्ता भी बेहतर होनी चाहिए। होना तो यह चाहिए कि सड़क किनारे लगे टैप (पानी की टॉन्टी) से आने वाला पानी भी पीने योग्य होना चाहिए। इसके लिए पानी का सही ट्रीटमेंट और ट्रांसपोर्टेशन होना चाहिए। इसके अलावा किसी भी शहर के लिए सीवेज बेहद महत्वपूर्ण होता है। हम जो पानी इस्तेमाल करते हैं, उसका 80 फीसदी सीवेज में जाता है। उसे ट्रीट करके नदियों या दूसरे जल स्रोतों में बहा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि हर घर सीवेज से कनेक्ट होना चाहिए और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में उसका सही ट्रीटमेंट होना चाहिए। दुनिया के कई देशों में सीवेज के पानी को ट्रीट कर बागवानी या खेती में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, इसके लिए जरूरी है कि पानी का सही ट्रीटमेंट होना चाहिए। उन्होंने नदियों के स्वरूप के बिगड़ने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि नदियों को पुराने स्वरूप में लाना बहुत जरूरी है।
वहीं नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि नोएडा को स्मार्ट सिटी बनाने की ओर फोकस किया गया। सेनिटेशन, वाटर, सीवेज, मोबिलिटी और इंवेस्टमेंट समेत तमाम विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें विशेषज्ञों के साथ इस बात पर चर्चा की गई कि इन क्षेत्रों में कैसे और बेहतर काम किया जा सकता है। कैसे अधिक से अधिक इंवेस्टमेंट लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पेयजल की दिशा में बहुत काम हुआ है, लेकिन अभी बहुत सी चुनौतियां हैं। पानी की गुणवत्ता और वाटर कंजरवेशन पर काम करने की जरूरत है। अभी 300 मीटर के प्लाट पर होने वाले हर निर्माण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना कंपलसरी है।
सीईओ ने कहा कि शहर में वाटर प्यूरीफायर प्लांट हैं। गंगाजल भी काफी मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके अलावा एक बड़ा प्रोजेक्ट भी है। उसके तहत 90 एमएलडी और गंगाजल मिलेगा। यह प्रोजेक्ट सितंबर-2020 तक पूरा होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि निवासियों को बेहतर गुणवत्ता वाला पानी उपलब्ध कराना उनके लिए बड़ी चुनौती है। इसके लिए काम किया जा रहा है। सीईओ ने कहा कि शहर में मेट्रो, एयरपोर्ट, रोड आदि की व्यवस्था है, लेकिन इस बात पर फोकस किया गया इंटर सिटी कनेक्टिविटी को कैसे और बेहतर बनाया जाए। सेनिटेशन में बहुत काम किया गया है,लेकिन अभी बड़ी चुनौती सामने है। विशेषज्ञों से चर्चा की गई। इससे हम दोनों को कुछ सीखने और बेहतर करने को मिलेगा।