बता दें कि ग्रेटर नोएडा में 20 हजार रुपये और जेवरात के लालच में 11 जोड़ों द्वारा ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के तहत दोबारा शादी का खुलासा हुआ था। जब मामला लखनऊ पहुंचा तो सरकारी महकमे में हड़कंप मच गया और जिलाधिकारी ने तुरंत इस पर जांच बैठा दी। इस जांच में आरोप सही पाए गए तो जिलाधिकारी ने पुलिस को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दनकौर कोतवाली पुलिस ने चीती नंगला की प्रधान के पति
धर्मेंद्र , लाभार्थी रविंद्र और विनीत को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकारी फंड का योजनाबद्ध तरीके से गबन करने के लिए विवाहितों का एक बार पुनः विवाह करवा दिया गया। जबकि आरोपी अपने खिलाफ लगे आरोपों को अभी गलत और सियासी रंजिश का परिणाम बता रहे हैं।
श्रीश्री रविशंकर के बयान पर आगबबूला हुए मुस्लिम संगठन, दी ये चेतावनी धर्मेंद्र के भाई का कहना है कि यह शादी गलत नहीं है। सब कुछ तय प्रक्रिया के तहत हुआ है। इसके पीछे पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह, बीते चुनाव में प्रधान प्रत्याशी और हारे प्रधान के भाई का षड़यंत्र है। वह कहते हैं कि पूरे मामले में सिर्फ राजनीति हुई है। जबकि इस फर्जीवाड़े की शिकायत करने वाले नरेंद्र सिंह का कहना है कि उनका आरोप बिल्कुल ठीक है। प्रधान और उसके पति के साथ साजिश कर योजना का अनुचित लाभ लेने वाले कई जोड़े तो ऐसे हैं, जिनके 10 साल की उम्र के बच्चे हैं।
यूपी बोर्ड में इंटरमीडिएट के बायलॉजी और कॉमर्स सेकंड के पेपर परीक्षा से दो दिन पहले ही आउट फर्जीवाड़े की शिकायत और मीडिया में इस मामले के उजागर होने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर सोमवार को खुद सीडीओ पूरी टीम ने जांच की और आरोपों को सही पाया। जिलाधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ दनकौर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया तो पुलिस हरकत में आई पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
अखिलेश यादव के करीबी इस कद्दावर नेता के खिलाफ गुंडा एक्ट और जिला बदर की तैयारी