विधानसभा चुनाव से ही बट गए थे दो खेमों में शिवपाल के सेक्युलर मोर्चा में शामिल होने वाले नेताओं पर अखिलेश यादव की नजर टिक गई है। दरअसल में विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी दो खेमे में बटी हुई नजर आई थी। इसकी एक वजह यह भी थी कि कई विधानसभा सीट पर शिवपाल खेमे के प्रत्याशियों के टिकट काट दिए गए थे। टिकट कटने से नाराज नेताओं ने दूसरे पार्टी का दामन थाम लिया तो कुछ चुपचाप बैठ गए। दादरी विधानसभा सीट से रविंद्र भाटी का टिकट तय किया गया था। लेकिन चुनाव से ऐन वक्त पहले ही उनका टिकट काट दिया गया। बाद में रविंद्र भाटी ने रालोद का हाथ थाम लिया। समाजवादी पार्टी से टिकट कटने के बाद में उन नेताओं ने प्रचार भी नहीं किया और घर बैठ गए।
विधानसभा चुनाव में शुरू हुई कलह अभी भी दूर नहीं होती दिखाई दे रही है। विधानसभा चुनाव से पहले ही हाशिए पर गए शिवपाल यादव को सेक्युलर मोर्चा की घोषणा करनी पड़ी। शिवपाल और अखिलेश के बीच में वर्चस्व की लड़ाई चुनाव के दौरान ही शुरू हो गई थी। जनवरी 2017 में अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर मुलायम को हटाकर खुद को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया। शिवपाल यादव से यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था।
विधानसभा में हाशिए पर गए नेताओं की नजर सेक्युलर मोर्चा पर उसी दौरान ही शिवपाल यादव हाशिए पर आ गए थे। हालाकि शिवपाल के साथ में मुलायम सिंह यादव खड़े हुए नजर आए थे। लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल ने सेक्युलर मोर्चा खड़ा कर लिया है। ऐसे में समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव से उपेक्षित नेता शिवपाल के संपर्क में आ गए है। इस लिस्ट में कई सपा के विधायक भी शामिल है। हालाकि विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान वेस्ट यूपी की कई सीट से प्रत्याशियों के टिकट काटे गए थे। इनमेें जेवर विधानसभा क्षेत्र से बेवन नागर, नोएडा से अशोक चौहान और दादरी से रविंद्र भाटी की जगह दूसरे प्रत्याशी की घोषणा की गई थी। इन्हें शिवपाल का करीबी माना जाता है।
ऐसे में शिवपाल के करीबी रहे नेताओं पर भी अखिलेश यादव की नजर है। दरअसल में यूपी में समाजवादी, कांग्रेस, रालोद, बसपा में महागठबंधन हो सकता है। हालाकि इनके बीच में यूपी में हुए उपचुनाव में गठबंधन हुआ था। शिवपाल के संपर्क में समाजवादी पार्टी के ऐसे नेता आ गए, जिन्हें सीटे दूसरे पार्टी के खाते में जाती हुई दिखाई दे रही है। सुत्रो की माने तो इससे भुनाने में भी शिवपाल पीछे नहीं है। शिवपाल भी ऐसे नेताओं को तव्वजो भी दे रहे है। 31 अगस्त को मुजफ्फरनगर के बुरहाना में शिवपाल यादव ने सेक्युलर मोर्चा की घोषणा के बाद में पहली जनसभा की थी। इसमेें भी सपा के कई दिग्गज नेता भी नजर आए थे।