इसके बनने से न केवल नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होगा, बल्कि 10 लाख से ज्यादा वाहन चालकों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी आसानी होगी।
32 किलोमीटर की होगी एक्सप्रेसवे की लंबाई
एक्सप्रेसवे की लंबाई करीब 32 किलोमीटर की होगी, जिसमें 28 किलोमीटर नोएडा क्षेत्र में और 4 किलोमीटर एयरपोर्ट से लिंक करने में बनाया जाएगा। इसके पूरा होने से लखनऊ तक का सफर वाहन चालक बिना किसी रूकावट के कर पाएंगे।
सर्वे के बाद रिपोर्ट तैयार
एनएचएआई ने पुस्ता रोड समेत अन्य विकल्पों पर सर्वे कर अपनी रिपोर्ट बना ली है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ के मुताबिक, एनएचएआई की सहमति मिलने के बाद अब एक कंपनी को हायर करके इसका सर्वे दोबारा कराया जाएगा, ताकि डीपीआर तैयार कर काम को शुरू किया जा सके। इस नए एक्सप्रेसवे से दिल्ली, हरियाणा और यूपी के कई शहरों को सीधे फायदा पहुंचेगा।
मुंबई-बड़ोदरा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्लान
वर्तमान में नोएडा एक्सप्रेसवे पर रोजाना करीब 10 से 15 लाख वाहन चलते है। ये इसकी क्षमता से कही ज्यादा है, इसलिए नया एक्सप्रेसवे बनाने पर विचार किया गया। एक्सप्रेसवे को दिल्ली कालिंदी कुंज के पास मुंबई-बड़ोदरा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्लान है। इसके बनने से हरियाणा के फरीदाबाद, बल्लभगढ़, दिल्ली के बदरपुर, नेहरू प्लेस और नोएडा का अधिकतर ट्रैफिक जो मौजूदा एक्सप्रेसवे का प्रयोग करते है, वो सीधे नए एक्सप्रेस के जरिए यमुना एक्सप्रेस से आगरा, अलीगढ़, मथुरा, नोएडा एयरपोर्ट और लखनऊ तक आ जा सकेंगे। उन्हें जाम का सामना नहीं करना होगा।
2.5 हजार करोड़ रुपए का आएगा खर्चा
इस प्रोजेक्ट को बनाने में करीब दो से 2.5 हजार करोड़ रुपए का खर्चा होगा। इन पैसे के लिए सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट दोनों को ही लागत वहन करनी होगी। मौजूदा समय में प्राधिकरण इतनी बड़ी रकम प्रोजेक्ट पर खर्च करने में असमर्थ है। इसकी वजह प्राधिकरण के पास आय के साधन समाप्त होना है।