भगवान भोलेनाथ की होती है विशेष पूजा सावन का पूरा महीना भगवान शिव का ही माना जाता है। इस महीने भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है। इस माह पड़ने वाली शिवरात्रि को बहुत शुभ माना जाता है। सावन में ही कई कांवड़िए हरिद्वार या गौमुख से गंगाजल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। इस बार शिवरात्रि 9 अगस्त यानी गुरुवार को पड़ रही है।
यह है शुभ मुहूर्त सहारनपुर निवासी प्रोफेसर राघवेंद्र स्वामी का कहना है कि सावन में भगवान शिव के जलाभिषेक से मनाकामनाओं की पूर्ति होती है। उनका कहना है कि वैसे तो भोलेनाथ की पूजा पूरे दिन की जा सकती है। हालांकि, सुबह 7:15 से 8.55 और दोपहर 3.35 से 8.15 बजे तक का मुहूर्त शुभ है। इसमें पूजन करने से विशेष फल मिलता है। उनके अनुसार, भक्त दूध, गंगाजल, शहद या दही से जलाभिषेक कर सकते हैं। इसके अलावा बेल पत्र पर चंदन से ओमकार या राम का नाम लिखकर ओम नम: शिवाय का जाप करने और भोलेनाथ पर चढ़ाने से भगवान शिव खुश होते हैं। ध्यान रखें कि बेल पत्र साबुत होना चाहिए। इसके अलावा भगवान भोलेनाथ को कनेर का पुष्प चढ़ाएं।
इससे करें अभिषेक उनका कहना है कि संतान प्राप्ति के लिए महिलाओं को भगवान भोलेनाथ का शहद से अभिषेक करना चाहिए। वहीं, अगर किसी कन्या या युवक की शादी नहीं हो रही है तो वह भगवान का गन्ने के रस से अभिषेक करे। इसके अलावा मनोकामना पूर्ति के लिए गंगाजल, व्यापार में वृद्धि के लिए दूध और कर्ज से छुटकारे के लिए गन्ने के रस व शहद के मिश्रण से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।