भांग सावन का महीना हो और भांग का जिक्र न हो, भला ऐसा कैसे हो सकता है। दरअसल, बेल के बाद भगवान भोलेनाथ को दूसरा सबसे प्रिय भांग का पत्ता है। तभी तो ज्यादातर भोलेनाथ के भक्ति गीतों में भांग का जिक्र किया जाता है। अगर आप इस सावन भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो भांग के पत्ते या भांग का शर्बत बनाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। पंडित जी की मानें तो जब भगवान शिव ने विष का सेवन किया था उस समय जहर का उपचार करने के लिए भांग के ही पत्तों का इस्तेमाल किया गया था। आयुर्वेद में भांग को औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
धतूरा शिव पुराण में जिक्र किया गया है कि भगवान शिव को धतूरा बहुत पसंद है। इसके साथ ही धतूरे का फल व पत्ते भी औषधि के रूप में काम आते हैं। वहीं कहा जाता है कि धतूरा अर्पित करने से भगवान शिव खुश हो जाते हैं और अपने भक्तों को धन-धान्य प्रदान करते हैं।
आक बहुत से लोगों ने शायद आक पौधे के बारे में नहीं सुना होगा। लेकिन यह एक ऐसा पौधा है जिसके फूल व पत्ते भगवान शिव को बहुत पसंद है। कहा जाता है कि जो भक्त आक के फूल व पत्ते भगवान शिव को अर्पित करते हैं उनके रोग दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही भगवान शिव उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
पीपल के पत्ते पीपल का पेड़ तो अक्सर देखने को मिल जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पीपल के पत्तों से भी भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है। दरअसल, पुराणों में बताया गया है कि पीपल के पेड़ में त्रिदेवों का वास है। इसके पत्तों में भगवान शिव वास करते हैं। वहीं कहा जाता है कि जो भक्त पीपल के पत्ते भगवान शिव को अर्पित करता है वह शनि के प्रकोप से सदेव बचे रहते हैं।
दूर्वा (घास) दूर्वा नाम शायद आपने पहले न सुना हो लेकिन इसे आप हर रोज अपने आसपास देखते होंगे। जीं हां, दूर्वा मतलब घास। दरअसल, पुराणों में जिक्र है कि घास में अमृत बसा हुआ है। साथ ही दूर्वा भगवान शिव व उनके पुत्र श्री गणेश को बेहद पसंद है। कहा जाता है कि जो भी भक्त भगवान शिव को घास अर्पित करता है उसका अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।