ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2018: बॉलीवुड गानों के बिना अधूरा है रक्षाबंधन, क्या आपने भी इन गानों को खूब सुना है रक्षा बंधन कब मनाया जाएगा ये तो पता चल गया लेकिन रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है बहुत से लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती। रक्षाबंधन धागों का त्यौहार कहा जाता है। लेकिन रक्षाबंधन रेशम की डोर महज़ एक डोर भर नहीं होती है, इसमें बड़ी ताकत होती है। पहले तो इसी धागे की बदौलत शूरवीर मैदान ए जंग में जीत हासिल कर लौटते थे। क्योंकि इस धागे में छिपी होती थी बहन की भाई के लिए लाखों दुआएं तो एक तरफ इस त्यौहार पर भाई बहन की रक्षा वचन भी देता है। जिसका धार्मिक पुराणों के अलावा कई ग्रंथों में भी वर्णन है, आज हम जानेंगे रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है, कहा जाता है कि…
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इन्द्र देव ने जीता था युद्ध- राखी का त्योहार कब शुरू हुआ यह कोई नहीं जानता। लेकिन भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि देव और दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नज़र आने लगे। भगवान इन्द्र घबरा कर बृहस्पति के पास गये। वहां बैठी इन्द्र की पत्नी इंद्राणी सब सुन रही थी। उन्होंने रेशम का धागा मन्त्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बाँध दिया। संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। लोगों का विश्वास है कि इन्द्र इस लड़ाई में इसी धागे की मन्त्र शक्ति से ही विजयी हुए थे। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, हर्ष और विजय देने में पूरी तरह समर्थ माना जाता है।
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कृष्ण और द्रौपदी ने निभाए राखी के वचन- रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता इस है महाभारत में इस त्यौहार की मान्यता का वर्णन है। त्रेता युग में महाभारत की लड़ाई से पहले श्री कृष्ण ने राजा शिशुपाल के खिलाफ सुदर्शन चक्र उठाया था, उसी दौरान उनके हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा तभी द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण की उंगली में अपनी साड़ी से टुकड़ा फाड़ कर बांधी थी, बदले में श्री कृष्ण ने द्रोपदी को भविष्य में आने वाली हर मुसीबत में रक्षा करने की कसम दी थी। उसी चीर बांधने के कारण कृष्ण ने चीर हरण के समय द्रौपदी की रक्षा की.. इसलिए रक्षाबंधन का त्यौहार बनाया जाता है।
रानी हुमांयु ने हिंदू बहन के लिए निभाया राखी धर्म- रक्षा बंधन क्यों मनाया जाता है इसके पीछे एक और कहानी प्रचलित है कि चित्तौड़ की रानी कर्मावती ने दिल्ली के मुगल शासक हुमांयु को राखी भेजकर अपना भाई बनाया। अलग धर्म होने के बावजूद हुमायूं ने कर्णावती की रक्षा का वचन दिया और इसी राखी की इज्जत के कारण हुमांयु ने गुजरात के राजा से युद्ध कर कर्मावती की रक्षा की थी.. इसके अलावा हमारी धार्मिक किताबों में रक्षाबंधन मनाने की कुछ मान्यताओं का जिक्र है।