दरअसल, सूरजपुर स्थित होमगार्ड जिला कमांडेंट होमगार्ड के कार्यालय में आग की जांच कर रही एसआईटी, स्टार-1, स्टार-2 टीम और सूरजपुर थाने की पुलिस कि टीमों ने जब घटनास्थल एवं आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो उनके हाथ एक महत्वपूर्ण फुटेज मिली। इस फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति शॉल ओढ़े हाथ में लोहे की रॉड लिए रात के समय होमगार्ड कार्यालय की तरफ जाता हुआ पाया गया। जांच में उजागर तथ्यों के आधार पर प्लाटून कमांडर राजीव कुमार हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर घटना का खुलासा हो गया।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि अभियुक्त ने स्वीकार किया है कि उसने जो भी होमगार्ड ड्यूटी मस्टर रोल बनाए थे, उनमें भी उसने कई अनियमितताएं की थीं। सभी मास्टर रोल में कार्य दिवस की संख्या अनुचित तरीके से बढ़ायी थी। आरापी ने मुख्य रूप से प्रशासनिक कार्यालयों में तैनात होमगार्ड की ड्यूटी के मास्टर रोल तैयार किये जाते थे, जो जांच के क्रम में पुलिस द्वारा शीघ्र ही कब्जे में लिये जाने थे। उनको नष्ट करने से आरोपी पीसी होमगार्ड राजीव कुमार को घोटाले के सम्बन्ध में चल रही जांच में लाभ मिलता।
वहीं आरोपी राजीव कुमार का कहना था उसने जुलाई में की गयी शिकायत की जांच में तत्कालीन जिला कमांडेंट होमगार्ड रामनारायण चौरसिया तथा पीसी होमगार्ड मोन्टू, शलैन्द्र, सत्यवीर आदि के पूर्ण रूप से दोषी पाये जाने के बाद भी विभाग से उनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने की अनुमति नहीं मिलने पर उसे लगा कि विभाग द्वारा अधिकारियों का बचाव किया जा रहा है। अभियुक्त के अनुसार वह इससे आहत था। उसे ऐसा लगा कि मात्र नीचे के कर्मचारियों के विरुद्ध ही कार्रवाई करके यह प्रकरण समाप्त कर दिया जाएगा। इसीलिए उसने मस्टर रोल जला दिया, जिससे नीचे के कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई न हो।
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि अभियुक्त से वह शॉल भी बरामद कर लिया है, जिसे ओढ़कर उसने आगजनी की घटना को अंजाम दिया था और सीसीटीवी में कैद हुआ था। जिस लोहे की रॉड से अभियुक्त ने जिला कमाण्डेंट होमगार्ड कार्यालय के दरवाजे व बक्से का ताला तोड़ा था, उसे भी बरामद कर लिया गया है। खाली पेट्रोल की बोतल को भी बरामद किया गया है, जिसे जिला कमान्डेड कार्यालय पर खड़ी मोटर साइकिल से पेट्रोल निकालकर आग लगाने में इस्तेमाल किया गया था।