गौतमबुद्ध नगर के अधिशासी अभियंता अजय कुमार का कहना है कि बिजली विभाग के कनेक्शन के लिए जो एग्रीमेंट किया उसमें क्लियर लिखा हुआ है कि ये टैरिफ के साथ-साथ जो भी एप्लीकेबल टैक्सेज रिगुलेटरी चार्जेज होंगे, डीएसआरसी जमा करेंगी। लेकिन वो नोएडा ऑथोरिटी की आड़ लेकर पेमेंट नहीं कर रहे हैं और अब तक जो 10 करोड़ रुपये डीएमआरसी पर बकाया हो गया है। अधिशासी अभियंता का कहना है कि बकाया नहीं जमा करने के लिए ये रेगुलेटरी कमीशन में भी गए थे लेकिन रेगुलेटरी कमीशन ने इनके तर्क को रिजेक्ट कर दिया था।
वहीं डीएमआरसी का कहना है कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, रेलवे है और इस पर रेलवे की तरह ही नियम लागू होते हैं। डीएमआरसी को भी रेलवे की तरह ही बिजली पर लगने वाला टैक्स देने की जरूरत नहीं। कंस्ट्रक्शन के समय नोएडा ऑथोरिटी से हुए समझौते के मुताबिक तय हुआ था कि डीएमआरसी को ये टैक्स देने की जरूरत नहीं। डीएम आरसी इस मसले को सही मंच पर उठाएगी। हालाकि नोएडा बिजली विभाग अपने साथ हुए डीएमआरसी के एग्रीमेंट की कापी भी दिखा रहा है। जिसमें साफ लिखा है कि ड्यूटी डीएमआरसी अदा करेगी। बिजली विभाग ने साफ किया कि डीएमआरसी और नोएडा ऑथोरिटी के बीच हुए समझौते से उसका कोई लेना देना नहीं।
डीएमआरसी और नोएडा बिजली विभाग की इस खींचतान में बकाया कौन भरता है ये देखना दिलचस्प होगा, लेकिन ढोल पीटने कर छवि को नुकसान पहुंचा कर वसूली का ये फार्मूला कितना कारगर होगा फिलहाल कहना मुश्किल है।