उन्होंने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा देश के एक मात्र शहर जिन्हें ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज इनिशिएटिव के प्रधान सलाहकार डॉ. शुभ्रो सेन ने दावोस जाकर स्वीकृति पत्र सौंप दिया है।
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद यूएनजीएसआईआई इंडिया के सलाहकार परिषद् के संयोजएकर अजय दवेसर ने कहा कि इस पहल को लेकर वे शुरू से ही उत्साहित हैं। एसडीजी सिटीज इनिशटिव में भाग लेने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा को शानदार वैश्विक मंच उपलब्ध होगा।
यूएन के सीनियर कल्संटेंट और सीईओ, रोलैंड शैट्ज कहा कि एसडीजी सिटीज इनिशिएटिव के परिणाम स्वरुप विभिन्न यूएन एजेंसियों, पार्टनर्स और कारपोरेट सपोर्टरों के जरिये वैश्विक ज्ञान, संसाधनों और क्षमता निर्माण को नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आने का मौका मिलेगा। इसका मकसद सस्टेनेबिलिटी इनोवेशन और रिसर्च हब्स के लिए अन्य प्रतिभागी यूनिवर्सिटीसिटीज कैम्ब्रिज, ट्रानढाइम और हाइडिलबर्ग जैसे शहरों के साथ मिलकर काम करना।
एसडीजी सिटीज इनिशिएटिव के चीफ कल्संटेंट डॉ. शुभ्रो सेन ने कहा कि इस पहल के चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित यूनिवर्सिटी और स्कूलों, निगमों और नागरिकों के बीच परस्पर तालमेल का माहौल बनेगा। उन्होंने कहा कि भारत से शहरों को चुनने के क्रम में पाया गया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में विश्वविद्यालयों और कालेजों की मौजूदगी अधिक है और इसके चलते ये शहर पहल के लिहाज से काफी संभावनाशील हैं।
बता दें कि ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इम्पैक्ट इंस्टीट्यूट फाउंडेशन की स्थापना मई 2014 में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव, जेनेवा के कार्यालय, प्रमुख शिक्षाविदों, वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञों संयुक्त राष्ट्र संस्थानों से सम्बद्ध विभिन्न अधिकारिओं द्वारा की गई थी। इसका मकसद यूएनजीएसआईआई का अनूठा रिसर्च प्लेटफार्म और इकोसिस्टम एसडीजी की क्रियान्वयन प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करता है।