तीन साल पहले ग्राउंड हो चुकी दिवालिया विमान सेवा कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस को उधार देने वाले बैंकों तथा कंपनियों के न्यास ने इसकी चल संपत्ति नीलाम करने का फैसला किया है।
न्यास की वेबसाइट पर जारी नोटिस में कहा गया है कि वह एयरलाइंस की कारें तथा भारी सामान खींचने के लिए इस्तेमाल होने वाले ट्रक फोर्कलिफ्ट समेत कुछ संपत्तियां बेचेगी।
ऑनलाइन नीलामी 07 दिसंबर को होगी जिसमें कंपनी की चल संपत्ति बेची जाएगी। लिकर ङ्क्षकग के नाम से मशहूर विजय माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस अक्टूबर 2012 से ही ग्राउंडेड है।
जनवरी 2014 तक उस पर बैंकों की देनदारी 69.63 अरब रुपए की थी जिस पर बैंक 15.5 प्रतिशत ब्याज जोड़ रही है। सबसे ज्यादा देनदारी भारतीय स्टेट बैंक की है जबकि इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, इंडियन ओवरसीज बैंक, फेडरल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक तथा एक्सिस बैंक की पूंजी भी कंपनी में फं सी हुई है।
इन सभी बैंकों ने कंसोर्टियम बनाकर कंपनी को पैसा दिया था। वहीं, कंसोर्टियम से बाहर की कंपनियों में सेरी इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस, जम्मू एंड कश्मीर बैंक तथा ऑरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स शामिल हैं। लगभग दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद इस साल के आरंभ में न्यास को कभी देश की नंबर दो विमान सेवा कंपनी रही किंगफिशर एयरलाइंस की डेढ़ करोड़ डॉलर की संपत्ति पर कब्जा मिल गया था।
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