मुन्ना बजरंगी के हत्यारोपी सुनील राठी की मां ने इस बड़ी पार्टी के टिकट पर लड़ा था पिछला विधानसभा चुनाव
नोएडा। बागपत जेल में सोमवार सुबह मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में वेस्ट यूपी के कुख्यात सुनील राठी पर केस दर्ज किया गया है। सुनील राठी का वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में काफी आतंक है। बागपत के टीकरी गांव का रहने वाला सुनील राठी करीब एक साल पहले ही बागपत जेल में शिफ्ट किया गया था।
रालोद में कार्यकर्ता थे नरेश सुनील राठी के पिता नरेश राठी कभी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के कार्यकर्ता हुआ करते थे। करीब 13 साल पहले बागपत के टीकरी कस्बे में ही कत्ल कर दिया गया था। इसके बाद आरोपी पक्ष के दो लोगाें की भी हत्या कर दी गई थी। इसका आरोप सुनील पर लगा था और सजा सुनाई गई थी। नरेश राठी चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए थे। छपरौली रालोद का गढ़ भी माना जाता है।
छपरौली से लड़ा चुनाव इसके बाद सुनील राठी की मां राजबाला चौधरी नगर पंचायत चेयरपर्सन बनीं। उस दौरान ही राजबाला चौधरी को बसपा के टिकट पर 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला। वह छपरौली विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरीं। उस सीट पर रालोद का दबदबा रहा है। वहां 1937 से लेकर 1974 तक होने वाले चुनाव में चौधरी चरण सिंह जीतते रहे थे। बाद में भी रालोद का जलवा वहां कायम रहा। राजाबाला चौधरी के सामने रालोद की तरफ से सहेंद्र सिंह रमाला मैदान में थे। प्रचार के दौरान ही सुनील राठी भी जेल से पैरोल पर टीकरी पहुंचा था और सथानीय नेताओं के साथ आगे की रणनीति तय की थी।
चौथे नंबर पर रही थीं राजबाला उस दौरान राजबाला ने कहा था कि बेटे की छवि के चलते वह कई जगहों पर चुनाव प्रचार करने में कामयाब हुई हैं, नहीं तो यहां राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार के सामने कोई चुनाव प्रचार भी नहीं कर पाता था। हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में छपरौली से रालोद उम्मीदवार सहेंद्र सिंह रमाला ने जीत हासिल की थी। सुनील राठी की मां राजबाला उस चुनाव में चौथे नंबर पर रही थीं। बाद में जब नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा से निकाला गया था तब राजबाला ने भी पार्टी छोड़ दी थी।