आपने अक्सर फिल्मों, धारावाहिकों और किताबों के माध्यम से इच्छाधारी नाग-नागिनों के बारे में पढ़ा और देखा होगा। प्राचीनकाल से ही लोगों में यह प्रचलित है कि एक ऐसा नाग होता है जो कि इच्छाधारी होता है अर्थात जो किसी का भी रूप धारण कर सकता है। भारतीय सिनेमा में भी इन पर कई फिल्में बनाई गई हैं। जिसमें दिखाया जाता है कि एक इच्छादारी नागिन कैसे पवित्र मणि की रक्षा करती है और अपने दुश्मनों से बदला लेती है। इन दिनों तो छोटे पर्दे यानी टीवी पर भी इच्छादारी नागिन के धारावाहिक बन रहे हैं। लेकिन क्या वाकई इच्छादारी नागिन होती हैं? इच्छादारी नाग या नागिन कैसे दिखते हैं? ये तमाम सवाल लोगों के जहन में चलते रहते हैं तो आज नागपंचमी के दिन इन्ही रहस्यों पर से पर्दा उठाने की कोशिश करेंगे।
प्राचीन समय में अनेक देवताओं ने सांपों के अवतार के रूप में जन्म लिया है। श्री कृष्णा में कालिया नाग इच्छाधारी नाग था। और रामायण में राम के भाई लक्ष्मण शेषनाग के अवतार थे। इसलिए प्राचीन समय के ग्रंथों से हमें इच्छाधारी नाग-नागिन के रहस्य के बारे में पता चलता है। भारतीय हिन्दू पौराणिक कथाओं में माना जाता है कि जो सांप 100 वर्ष की उम्र पूरी कर लेते हैं, उसके बाद वे रूप बदलने की क्षमता प्राप्त कर लेता है और फिर वह सैंकड़ों वर्षों तक जीवित रहता है। लेकिन विज्ञान और सर्प विशेषज्ञ मानते हैं कि इच्छाधारी नागिन का चरित्र पूरी तरह से काल्पनिक है।