अगर बात करें गौतमबुद्ध नगर जिले की तो यहां गत वर्ष जनवरी से लेकर नवम्बर तक 965 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई। जिनमें से 394 लोगों की मौत हुई और 919 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। यह संख्या पांच वर्ष में सबसे अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार दुर्घटनाओं में वृद्धि होने का कारण नोएडा-ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस वे जैसी सड़कों पर बहुत तेज रफ्तार में वाहनों का चलना है। नेशनल क्राइम रेकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर नजर डालने पर पता चलता है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। यहां मौजूद एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का तेज गति से चलना हादसों का मुख्य कारण माना जा रहा है।
सही समय पर इलाज नहीं मिलना मौत का बड़ा कारण नोएडा के फोर्टिस अस्पताल के स्पाइन एवं न्यूरो सर्जन डॉ. राहुल गुप्ता बताते हैं कि सड़क हादसों में घायलों के देर तक सड़क पर ही पड़ा रहना, उनका प्राथमिक उपचार नहीं होना, उन्हें गलत तरीके से उठाकर अस्पताल लाना तथा तत्काल सही इलाज नहीं मिल पाने के कारण ज्यादातर घायलों की मौत हो जाती है या ताउम्र के लिए विकलांग हो जाते हैं जबकि सही समय पर सही इलाज से उनकी जान बचाई जा सकती है। आज के समय में ऐसी तकनीकों का विकास हो चुका है जिनकी मदद से दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को जीवन दान दिया जा सकता है और उसे विकलांग होने से बचाया जा सकता है लेकिन इसके लिये जरूरी है कि घायल व्यक्ति को जल्द से जल्द अत्यंत सावधानीपूर्वक अस्पताल लाया जाये तथा सही समय पर सही इलाज शुरू हो जाए।