झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है धनतेरस पर झाड़ू ( Jhadu ) खरीदने की परंपरा काफी पुरानी है, लेकिन क्यों खरीदा जाता है, ये जानते हैं। आचार्य सुकुल शर्मा ने बताया कि मान्यता है कि झाड़ू को मां लक्ष्मी का रुप माना जाता है। उन्होंने बताया कि मत्स्य पुराण में इसका जिक्र है। इसलिए झाड़ू को लेकर पहले से ही परंपरा रही है कि इसे पैर लगाते या कभी भी घर के बाहर या आंगन में नहीं छोड़ना चाहिए। मान्यता है कि झाडू खरीदने से घर से गरीबी जाती है और ऋण से भी मुक्ति मिलती है। पंडित जी ने बताया कि जिस तरह से झाड़ू घर में साफ-सफाई में प्रयोग किया जाता है। उसी तरह से धनतेरस पर झाड़ू घर लाने से नकारात्मकता दूर होती है और कंगाली भी बाहर जाती है, घर में लक्ष्मी का वास होता है।
हालाकि धनतेरस पर झाड़ू खरीदने के लिए कुछ नियमों का भी पालन करना चाहिए।
1. झाड़ू को घर में उत्तर दिशा में रखें जिससे मां लक्ष्मी प्रसन्न रहें।
2. कभी भी झाड़ी बेड के नीचे, बेड रूम या बैठके में न रखें, इससे स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना रहती है।
3. झाड़ू को कभी जलना नहीं चाहिए।
4. धनतेरस बराबर झाड़ू खारदे मगर आगर मंगलवर और शनिवर और रविवर को झाड़ू ना खरीदें ऐसा करने से घर में कलेश होता है।
5. दिवाली के दिन नई झाड़ू का प्रयोग करें और पुरानी झाडू फेंक दें। घर के कई दोष झाड़ू से दूर हो जाते हैं।
6.ज़ब भी दीवाली के लिए धनतेरस पर झाड़ू ले आएं तो उस पर सफेद धागा बांध लें, इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
7. झाड़ू पार कभि भी भूल कर जोड़ी ना मारे।
8. इस बात का ध्यान रखें कि झाड़ू पर कभी भी भूल कर पैर न रखें अपशकुन माना जाता है।
9. इस बात का ध्यान रखें कि जोड़े में यानी दो या चार नहीं बल्कि एक या तीन करके खरीदें।
10. झाड़ू को हमेशा ढक कर रखें, अगर खुले में रखेंगे तो आपके घर में मनमुटाव और तालमेल बिगड़ने की संभावना रहती है।
11. मंदिर में दान करने वाले झाड़ू धनतेरस के एक दिन पहले खरीदें।
12. झाड़ू को कभी खड़ा करके नहीं रखें और झाड़ू का प्रयोग करके ऐसी जगह रखें जहां किसी की नजर नहीं जाएं। इसके अलावा अगर बहुत दिन से झाड़ू का प्रयोग नहीं हुआ है तो उसे प्रयोग न करें।