गौरतलब है कि ऋण मोचन योजना के अंतर्गत बागपत में 50 हजार किसान कर्जमाफी के दायरे में आए थे। इनमें 21 हजार किसानों को कर्जमाफी के लायक माना गया और 29 हजार किसानों को अपात्र घोषित कर बाहर कर दिया गया था। इसके बाद बाहर किए गए किसान इस फैसले से नाराज हो गए और कर्जमाफी के लाभ से वंचित किसानों ने इसकी शिकायत की। शिकायत लखनऊ तक पहुंची तो शासन ने इसको गंभीरता से लिया और किसानों के हित में शिकायतों की जांच कर पात्रों को लाभ देने का मौका देने की बात कही गई। जिसके चलते किसानों से 15 अप्रैल तक पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराने को कहा गया है। जांच में पात्र की पुष्टि होते ही कर्जमाफी का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा।
जिला कृषि अधिकारी
सूर्य प्रताप सिंह की मानें तो शिकायतों की बैंक तथा राजस्व विभाग से जांच कराई जा रही है। इसमें पात्र पाए मिले किसानों की कर्जमाफी को 20 अप्रैल तक ऑनलाइन बजट मांगा जाएगा। जिला प्रशासन ने बैंक अधिकारियों को भी निर्देश दिया है कि वे अपने सिस्टम को चेक कर लें। यदि वाकई में कोई पात्र किसान छूट गया है तो बैंक अधिकारी भी पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं। किसान अपनी समस्या कृषि या बैंक अधिकारियों को बता सकते हैं। बता दें कि अभी तक मिली शिकायतों में तीन हजार किसान पात्र मिले हैं। जिनको लाभ देने के लिए जिला प्रशासन की और से प्रयास किया जा रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा था तो जल्द ही तीन हजार और किसानों को भी कर्ज माफी का लाभ मिलेगा। कर्ज माफी के दायरे में आने के बाद भी लाभ से वंचित किसानों ने इसको सरकार का अच्छा कदम बताया है।