गौतमबुद्ध नगर के जैतपुर गांव में चल रही भागवत कक्षा के दूसरे दिन बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा हिंदू के ऊपर अत्याचार करने वालों की ठठरी और गठरी बांधनी होगी। एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि माथे तिलक लगाने पर स्कूल में विद्यार्थियों को रोका गया। आने वाले समय में मंदिर जाने और रामायण पढ़ने से रोका जाएगा। ऐसे लोगों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।उन्होंने भागवत कथा सुनने पहुंचे लोगों से कहा कि अपने बच्चों के मस्तक पर तिलक लगाओ, उनसे रामचरित मानस का पाठ कराओ। याद रखो भारत जैसा राष्ट्र दोबारा मिलने वाला नहीं है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह किसी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन लोगों को जगाने आए हैं और जगा कर ही जाएंगे। भारत में राष्ट्रीयता व राम राज्य की बात होगी।
उन्होंने कहा कि जो वन गया वह बन जाता है। पचास वर्ष की आयु के बाद वन चले जाना चाहिए। वन का मतलब वन (जंगल) जाना नहीं बल्कि वासनाओं से मुक्ति है। जो व्यक्ति लालच, वासना व ईष्या से मुक्ति पा जाता है। वह भक्ति के मार्ग पर पहुंच जाता है। भक्ति के बिना इंसान का शरीर शव के समान है और भक्ति से शव भी शंकर बन जाता है। असली भक्ति भगवान के चरित्र का श्रवण कर उसका स्मरण करना है। उन्होंने कहा कि लोग प्रेत पर भरोसा करने लगते हैं। कण-कण में भगवान हैं इस पर भरोसा नहीं करते हैं। भागवत की कथा सुनने से भूत प्रेत निकट नहीं आता है। कथा सुनने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। भाजपा सांसद मनोज तिवारी सहित बड़ी संख्या में अन्य लोग भी कथा सुनने के लिए पहुंचे।
इसी बीच भागवत कथा का जब समापन हो रहा था तो एक श्रद्धालु बाबा बागेश्वर का आर्शिवाद लेने के लिए वहां पर जाने लगा। बताया जाता है कि श्रद्धालु को बाउंसरों ने रोक लिया और बदसलूकी करने लगे। इस पर अन्य श्रद्धालुओं ने विरोध जताया तो बाउंसरों ने श्रद्धालुओं के साथ मारपीट शुरू कर दी। कथा मंडप में अफरा तफरी मची। एक बाउंसर ने श्रद्धालु को पकड़कर उसको कई थप्पड़ रसीद कर दिए।