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नोएडा

Train tickets : होली पर रेल टिकट बुक करते समय रहें सावधान, जरा सी लापरवाही से हो सकता है बड़ा नुकसान

Train tickets : होली पर अगर आप घर जाने के लिए स्पेशल रेल टिकट (Holi Special Train) बुक करा रहे हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि रेलवे की फर्जी आईडी बनाकर एक्सप्रेस ट्रेनों के नकली टिकट (Fake Train Ticket) बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। इसका खुलासा खुद आरपीएफ (RPF) ने किया है। आरपीएफ ने सॉफ्टवेयर की मदद से 80 लाख के ई-टिकट बनाने वाले गैंग के सरगना को गिरफ्तार किया है।

नोएडाMar 14, 2022 / 10:46 am

lokesh verma

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festival special train

Train tickets : होली पर ट्रेन (Holi Special Train) के नकली टिकट (Fake Train Ticket) बनाने वाला गिरोह सक्रिय है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और साइबर अपराध शाखा की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सॉफ्टवेयर के माध्यम से अलग-अलग यूजर आईडी बनाकर देशभर में रेलवे के नकली ई-टिकट बनाकर बेचने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के कब्जे से 17 आईडी, 40 नकली ई-टिकट के साथ कुछ कैश बरामद हुआ है। ज्ञात हो कि तीन माह पूर्व आरपीएफ ने दादरी में एक साइबर कैफे संचालक समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर इस अवैध कारोबार का खुलासा किया था, लेकिन सॉफ्टवेयर तैयार कर कई लोगों को अलग-अलग यूजर आईडी बनाकर अवैध कारोबार कराने वाला सरगना फरार था। यह गिरोह छह माह में लगभग 80 लाख रुपये के नकली टिकट बेच चुका है।
रेलवे के अधिकारियों को एक सीट की दो टिकट मिलने और यात्रियों में विवाद के मामले सामने आने के बाद जब टिकटों की जांच की गई तो नकली ई-टिकट के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक एसके वर्मा ने बताया कि हेडक्वार्टर के साइबर सेल से मिली सूचना के बाद 20 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा के दादरी के गांव समाधि पुर में रीवा इंटरनेट के नाम से चल रहे साइबर कैफे से नकली ई-टिकट बेचने धंधा किया जा रहा था। कैफे संचालक के नकली ई-टिकट बेचने की जानकारी मिलने पर टीम ने ग्राहक बनकर जांच की। आरोपी ने बातचीत के बाद ई-टिकट बनाकर दे दी। जिसके बाद आरपीएफ और साइबर अपराध शाखा की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए छापा मारा कर साइबर कैफे के संचालक रतीपाल को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह का सरगना राकेश कुमार फरार हो गया था। आरपीएफ उसकी तलाश में जुटी थी। राकेश को आरपीएफ ने सूरजपुर स्थित लखनावली मोड़ से गिरफ्तार किया है। जबकि आरपीएफ नकली ई-टिकट का कारोबार करने वाले अन्य लोगों को तलाश रही है।
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सॉफ्टवेयर की मदद से बना रहा था रेलवे के नकली टिकट

आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि राकेश कुमार ग्रेजुएट है और मूलरूप से बिहार का रहने वाला है। आरोपी ने पढ़ाई के बाद पटना में सॉफ्टवेयर तैयार करना सीखा था, लेकिन इस गुर को अच्छे काम में लगाने की जगह अवैध कारोबार में लगा दिया। राकेश ने सॉफ्टवेयर तैयार कर रेलवे की नकली ई-टिकट बनाने कारोबार शुरू किया था और कई लोगों को जोड़कर मोटी कमाई कर रहा था। सभी को आरोपी ने नकली ई-टिकट बनाने के लिए अलग-अलग यूजर आईडी दी थी। आरोपी छह माह में कई यूजर आईडी से 80 लाख के ई-टिकट बेच चुका है। रुपये आरोपी के बैंक खाते में पहुंचते थे।
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रेलवे का आधिकारिक एजेंट समझ जुड़ रहे थे लोग

आरपीएफ अधिकारियों के मुताबिक, अन्य यूजर को पूरे फर्जीवाड़े की सही जानकारी नहीं है। वह राकेश को रेलवे का अधिकारिक एजेंट समझकर उससे जुड़ जाते थे। राकेश टेलीग्राम चैनल के जरिये लोगों को ई-टिकट का कारोबार करने के लिए जोड़ता था। आरोपी लगभग 43 लोगों को इसी तरह जोड़कर नकली ई-टिकट बेच रहा था। यात्रियों से टिकट के बदले 150-200 रुपये अधिक लेता था। इससे भारतीय रेल को राजस्व का नुकसान भी हो रहा था। रेलवे एक्ट की धारा-143 के अंतर्गत केस दर्ज कर आरपीएफ की टीम अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

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