मूलरुप से मुजफ्फरनगर के पूरबालियान गांव निवासी पहलवान दिव्या काकरान दादरी के धूममानिकपुर स्थित नोएडा कॉलेज आॅफ फिजिकल एजूकेशन में बीपीएड थर्ड ईयर की स्टूडेंट है। दिव्या होनहार महिला रेसलर है। इससे पहले भी वह प्रतियोगिता में दमखम दिखा चुकी है। राष्ट्मंडल खेलो में श्री दिव्या कांस्य पदक हासिल कर चुकी है।
Asian Games 2018 :किसान का बेटा गुब्बारों पर लगाता था निशाना, एशियन गेम्स में सोने पर लगाया निशाना, जाने, सौरभ के बारे में कुछ interesting बातें 68 किलोग्राम फ्री स्टाइल में दिव्या काकरान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदका अपने नाम किया है। दिव्या ने चीनी ताइपे की रेसलर चेन वेनलिंग को 10-0 से मात देकर यह पदक अपने नाम किया है। फ्री स्टाइल रेसलिंग के क्वॉर्टर फाइनल में मंगोलिया की पहलवान शारखु के हाथों 1-11 से हार झेलनी पड़ी थी। लेकिन दिव्या ने हार नहीं मानी। शारखु ने सेमीफाइनल में चेन वेनलिंग को 10-0 से मात दी। इसकी वजह से ही दिव्या को एक और मौका मिला। एशियन गेम्स में अभी तक भारत के 10 मेडल हो गए है, जबकि रेसलिंग में तीसरा मेडल है। रेसलिंग में यह पहला कांस्य मेडल है। मेडल जीतने पर नोएडा कॉलेज आॅफ फिजिकल एजूकेशन में खुशी का माहौल है। दिव्या के सहपाठियों की माने तो उन्हें पहले से ही उम्मीद थी कि वह मेडल जरुर लाएंगी। वहीं कॉलेज के चेयरमैन सुशील राजपूत ने बताया कि दिव्या होनहार स्टूडेंट है। वह पहले भी अपनी प्रतिभा का दमखम दिखा चुकी है।