कोरोना वायरस को धो डालेगा ये केमिकल, आसमान से होगी ‘बारिश
Highlights:
-गौतमबुद्ध नगर जनपद में कोरोना वायरस के मरीज लगातार सामने आ रहे हैं
-नोएडा प्राधिकरण ने संक्रमित इलाकों में कृत्रिम बारिश कराने का फैसला लिया है
-ड्रोन के जरिए शहर भर में सैनिटाइजेशन कराया जाएगा
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जनपद में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। जिन्हें शासन से निर्देश मिलने पर पूरी तरह सील कर दिया गया है। इस सबके बीच नोएडा शहर के लोगों को लिए राहत भरी खबर आई है। कारण, अब शहर में कोरोना वायरस को धोने के लिए प्राधिकरण द्वारा केमिकल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए आसमान से कृत्रिम बारिश कराई जाएगी।
दरअसल, नोएडा प्राधिकरण जल्द ही कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए ड्रोन (Drone) का इस्तेमाल करेगी। पहले चरण में इस ड्रोन के जरिए कोरोना संक्रमित इलाकों (Corona Infected Area) में हाइपो सोडियम क्लोराइड (Hypo Sodium Chloride) की कृत्रिम बारिश कराई जाएगी। वहीं अधिकारियों का कहना है कि अगर ये प्रयास सफल रहता है तो पूरे शहर में इस प्रयोग को किया जाएगा।
किराए पर लिया गया है एक ड्रोन बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने एक ड्रोन 12500 रुपए प्रति दिन हिसाब से किराये पर लिया था और उससे नोएडा सेक्टर 8 की झुग्गी-बस्तियों समेत करीब दस रिहायशी इलाकों में कृत्रिम बारिश कर सैनिटाइजेशन कराया। इस दौरान ड्रोन को 20 मीटर की ऊंचाई पर ले जाकर हाइपो सोडियम क्लोराइड केमिकल का छिड़काव पूरे इलाके में किया गया। इस प्रयास को सफल मानते हुए पूरे शहर में इस प्रयोग को करने का फैसला लिया गया है।
इस तरह काम करता है ड्रोन नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जो ड्रोन किराए पर लिया गया है उसमें 5 लीटर क्षमता का एक डब्बा लगा हुआ है। इसमें हाइपो सोडियम क्लोराइड केमिकल भरा जाता है। ये ड्रोन एक बार करीब 30 मिनट तक लगातार उड़ान भरता है और 3 से 4 किमी इलाके में कृत्रिम बारिश करा सकता है। इसका सबके बड़ा फायदा ये है कि इससे उन इलाकों में आसानी से छिड़काव किया जा सकता है जो बहुत ही भीड़ भाड़ वाले हैं।
पांच ड्रोन खरीदने पर हो रहा विचार अधिकारी का कहना है कि किराए पर लिए गए ड्रोन से जो कृत्रिम बारिश कर सैनिटाइजेशन कराया गया है वह प्रयास बहुत ही संतोषजनक रहा है। प्राधिकरण द्वारा ड्रोन खरीदने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन, पहली कोशिश सोशल कॉर्पोरेट रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत 4 से 5 ड्रोन हासिल करने की है। अगर ऐसा नहीं होता है तो नए ड्रोन प्राधिकरण खरीद सकता है। लेकिन तब तक जिस ड्रोन को किराए पर लिया गया है उससे की सैनिटाइजेश प्रक्रिया जारी रखी जाएगी।
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