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नोएडा

इस बड़े अरबों के घोटाले में फंस सकते है अखिलेश आैर मायावती

इस पूर्व आर्इएएस की गिरफ्तारी के बाद नेताआें से मिला गठजोड़

नोएडाJun 27, 2018 / 11:19 am

Nitin Sharma

mayawati and akhilesh

इस बड़े अरबों के घोटाले में फंस सकते है अखिलेश आैर मायावती

नोएडा।यूपी का शो विडो कहे जाने वाले गौतमबुद्ध नगर के यमुना प्राधिकरण में सामने आए 126 करोड़ रुपये के घाेटाले में अब पूर्व सरकार यानि सपा मुखिया अखिलेश यादव आैर बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी आंच आ सकती है। इसकी वजह इन दोनों ही सरकारों में घोटाले के मुख्य आरोपी बने पूर्व आर्इएएस का टाॅप पाॅजिशन आैर राजनीतिक गठजोड़ होना है।पुलिस पूर्व आर्इएएस पीसी गुप्ता को गिरफ्तार कर दस दिन के रिमांड पर लेकर एक-एक साक्ष्य जुटाने के साथ ही पूछताछ कर सारे तार खोलने में जुटी है।इतना ही नहीं इससे राजनीतिक गलियारों में भी खलबली बनी हुर्इ है।

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बसपा सरकार में खास बनकर किया काम, बिल्डरों को दी थी भारी राहत

करोड़ों रुपये के घोटाले में गिरफ्तार किए गए आरोपी पूर्व आर्इएएस आैर यमुना प्राधिकरण के सीर्इआे रहे पीसी गुप्ता की बसपा आैर सपा सरकार में मुखियाआें से भी अच्छी नजदीकी रही है। यहीं वजह है कि बसपा सरकार आते ही 2008 में पीसी गुप्ता ग्रेटर नाेएडा प्राधिकरण के डिप्टी सीर्इआे बनकर आए थे। जिसके बाद वह यहां चार 2011 तक तैनात रहे।इस दौरान पीसी गुप्ता ने बिल्डरों को सबसे ज्यादा आवंटन कराया। इतना ही नहीं कानून आैर पाॅलिसी से अलग होकर किसान से जमीन लेकर बिल्डर को दस प्रतीशत रुपया जमा कराने पर ही दे दी गर्इ।बताया जाता है कि उस समय बसपा सुप्रीमो के नजदीकी अधिकारियों का एक गठजोड़ नोएडा-ग्रेटर नोएडा में भी बना हुआ था। इसी गठजोड़ में घोटाले का आरोपी पीसी गुप्ता भी था।इतना ही नहीं पीसी गुप्ता को इन्हीं तीन सालों में डिप्टी से एडिशनल सीर्इआे बना दिया गया था।यहां आर्इएएस बनने के बाद 2011में पीसी गुप्त को मैनपुरी का जिलाधिकारी बना दिया गया।

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सपा सरकार आते ही इस पद पर पा ली थी नियुक्ती

इतना ही नहीं पीसी गुप्ता ने सपा सरकार आने के कुछ दिन बाद ही यमुना प्राधिकरण में सीर्इआे की नियुक्ती पा ली थी।सूत्रों की माने तो यह नियुक्ती उन्होंने एेसे ही नहीं बल्कि नजदीकी नेताआें आैर सपा सुप्रीमाे के खास संबंधी की मदद से पार्इ थी।इसी के बाद पीसी गुप्ता ने अपने रिश्तेदार आैर नेताआें को फायदा पहुंचाने के लिए बिना जरूरत के ही प्राधिकरण में रहते हुए करोड़ों रुपये की जमीन खरीद ली थी। जिसका खुलासा कमिश्नर प्रभात कुमार की जांच में हुआ।इसी के बाद पुलिस ने आरोपी पीसी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।वहीं पुलिस अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।

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अब उठी सीबीआर्इ जांच कराने की मांग

वहीं पूर्व आर्इएएस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में परत दर परत खुलने से सीबीआर्इ जांच की मांग होने लगी है।इसकी एक वजह पुरानी सरकार आैर नेताआें का भी इस अधिकारी के काफी नजदीकी होना है।एेसा यह कहना भी गलत नहीं होगा कि अधिकारी ने उन्हें भी अच्छा फायदा पहुंचाया है।इसी के लिए पुलिस ने पीसी गुप्ता के सभी अकाउंट सीज करने के साथ ही उनके रिश्तेदार आैर ट्रांजेक्शन वाले अन्य आकउंटों पर भी नजर बना ली है।इसके चलते अब सीबीआर्इ जांच की मांग बढ़ गर्इ है।वहीं जेवर विधायक ने भी दावा किया पूरी बसपा आैर सपा सरकार समेत नेताआें व अधिकारियों के गठजोड़ ने बहुत अधिक नुकसान किया है। इस मामले में सीएम योगी से मिलकर सीबीआर्इ जांच की मांग की जाएगी।

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