कहीं गैंगवार में तो नहीं हुर्इ भाजपा नेता की हत्या जिले में अपराध की समीक्षा के लिए आपने बैठक की है। बीते हफ्ते हत्याओं का जो दौर शुरू हुआ, उस पर काबू पाने के लिए क्या निर्देश दिए गए हैं? आनंद कुमार: शिव कुमार की हत्या एक सनसनीखेज है! उसकी समीक्षा के लिए ही मैं आया हूं। इस घटना के खुलासे के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। जिला पुलिस, एसटीएफ और सभी स्पेशल टीम को लगाया गया है। सर्विलांस और डेटा एनिलिसिस के माध्यम के केस को वर्क आउट करने का प्रयास किया जा रहा है। इस केस में जो सीसीटीवी फुटेज मिली है, वह बहुत क्लियर नहीं है। हमारी टेक्निकल सपोर्ट की छह-सात टीमें लगी हैं। बहुत जल्दी केस खुलेगा।
निकाय चुनाव: भाजपा प्रत्याशी के भाई ने कांग्रेस समर्थक को मारी गोली, मौत शिव कुमार की हत्या के पीछे क्या कारण थे? अब की जांच कोई बात सामने आई है क्या? आनंद कुमार: बहुत विस्तार से बात करना इन्वेस्टिगेशन के दृष्टि से उचित नहीं है। हम लोग कई लाइन पर काम कर रहे हैं। इस केस में काफी कांप्लीकेशन हैं। यह मैटर और डिटेल इन्वेस्टीगेशन का है। यह सिंपल केस नहीं है। काफी कांप्लीकेशन हैं, जिसका खुलासा अभी नहीं करना चाहता हूं। जिन लाइनों पर हमारी टीमें लगी हैं, बहुत जल्दी किसी निर्णय पर पहुंचेंगे और अपराधियों को गिरफ्तार कर लेंगे।
आनंद कुमार: एक आपराधिक घटना या सनसनीखेज अपराध की घटना के बाद कानून-व्यवस्था को खराब बताना उचित नहीं है। हां ये घटना हुई है। जघन्य घटना है, दिन में हुई है इसको करने का तरीका सनसनीखेज है। ये हमारे लिए चिंता का विषय है। इस बात से यह निर्णय निकालना कि कानून-व्यवस्था खराब हो गई है, ठीक नहीं है। कई अपराधी पकड़े गए हैं और जेल गए हैं, इसलिए मैं सहमत नहीं हूं की कानून-व्यवस्था खराब है, लेकिन ये हमारे लिए चैलेंज है। इस चैलेंज को स्वीकार करते हैं।
ग्रेटर नो़एडा: बीजेपी नेता के हत्यारों को यहां तलाश रही है पुलिस, मर्डर में सामने आए कई एंगल केस वर्क आउट हो रहे हैं, लेकिन हिंसक वारदातें नहीं रुक रही हैं। पुलिस का खुफिया तंत्र फेल हुआ है। मुखबिर और बीट तंत्र असफल हुआ है। आनंद कुमार: बीट तंत्र में कमी आई है। उसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन बीट तंत्र से इस प्रकार के मामले वर्क आउट नहीं होते हैं। गांव में झगड़ा हो या हमला होने वाला हो, इस प्रकार की घटनाएं वर्कआउट हो जाती हैं। जो हिंसक वारदातें हो रही है, ये समाज में फैली हिंसक प्रवृति का हिस्सा हैं। ये चिंतन का विषय है कि समाज में हिंसक प्रवृत्ति क्यों बढ़ रही है। पुलिस तो नहीं करा रही है हिंसा। पुलिस तो समाज में कानून का अंग है और ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए है।