‘आप’ सांसद संजय सिंह ने यूपी में कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल, बोले- योगी सरकार में अपराध चरम पर
Highlights:
-प्रदेश में भ्रष्टाचार और बच्चियों से दुष्कर्म चिंता की बात : संजय सिंह
– आप नेता ने नोएडा में की प्रेस कांफ्रेंस
-विकास दुबे एनकाउंटर पर भी उठाए सवाल
नोएडा। कोरोना संकट के बीच आम आदमी पार्टी के सांसद और यूपी के प्रभारी संजय सिंह योगी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में योगी सरकार नाकाम है। भ्रष्टाचार और कोरोना के खिलाफ संघर्ष में इच्छाशक्ति की कमी पर भी सरकार को घेरा। सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में छोटी-छोटी बच्चियों की अस्मत लूटी जा रही है। दिनदहाड़े हत्याएं हो रही हैं। कानपुर बाल संरक्षण गृह में 57 मासूम बच्चियां कोरोना वायरस से संक्रमित हो गईं।
सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। ऐसी घटनाएं बेहद चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। योगी सरकार में अपराध चरम पर है। पिछले दिनों कानपुर में विकास दुबे एनकाउंटर के बाबत कह कि कोई एक दिन में विकास नहीं बन जाता है। विकास को बनाने में किन-किन लोगों का सहयोग रहा है, उसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कानपुर घटना से जुड़े प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए और कहा कि नाबालिग का एनकाउंटर किया गया।
‘यूपी में प्रतिदिन दो लाख कोरोना जांच हो’ सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए की जा रही कम टेस्टिंग पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि 23 करोड़ आबादी वाले राज्य में मात्र 25 हजार लोगों की टेस्टिंग हो रही है। जबकि दिल्ली में 2.5 करोड़ आबादी वाले राज्य में 23 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो रही है। इतनी बड़ी आबादी वाले राज्य यूपी में ना के बराबर कोरोना टेस्टिंग की जा रही है, इसीलिए यूपी में कोरोना के केस कम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार नो एफआईआर, नो क्राइम और नो कोरोना टेस्टिंग, नो कोरोना के फार्मूले को अपनाए हुए है। यूपी में कम से कम 2 लाख लोगों की प्रतिदिन टेस्टिंग होनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना जांच के लिए लैब बनाएं जाने चाहिए।
अनामिका शुक्ला का किया जिक्र यूपी में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला का जिक्र किया और कहा कि योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के कई नए कीर्तमान स्थापित किए हैं। सरकार और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते प्रदेश में एक फर्जी शिक्षिका 25 जगह से एक वर्ष के अंदर एक करोड़ रुपये वेतन प्राप्त कर लेती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र को कुचल दिया गया है। यहां कुछ भी बोलना अपराध हो गया है। पूर्व आईएएस अधिकारी ने सरकार को आईना दिखाया तो सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। योगी सरकार प्रदेश में तानाशाही रवैया अपनाये हुए है।
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