यह भी पढ़ें— समर वेकेशन में घूमने के लिए बुक करा रहे हैं ट्रेन का टिकट तो पहले पढ़ लें ये खबर ज्ञात हो कि फूलपुर और गोरखपुर चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन से हार के बाद भाजपा की खासी किरकिरी हुई थी। लेकिन, 2019 के आम चुनाव से पहले नूरपुर और कैराना उपचुनाव सभी दलों के लिए अहम हो गया है। भाजपा जहां गठबंधन से पार पाने की जुगत लगा रही है तो वहीं सपा ने रालोद से हाथ मिलाकर अपने मंसूबे साफ कर दिये हैं। भाजपा प्रदेश हाईकमान ने नूरपुर उपचुनाव में मंत्री से लेकर साढ़े सात हजार पदाधिकारी व बूथ कार्यकर्ता लगाए हैं।
यह भी पढ़ें— अब ज्योतिषाचार्य ने की भविष्यवाणी 15 तारीख तक बना रहेगा आंधी-तूफान का खतरा बता दें कि हाल ही में चुनावी समीक्षा करने पहुंचे प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, पश्चिमी यूपी प्रभारी विजय बहादुर पाठक, क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी त्यागी ने बैठक में चुनाव से पहले संगठनात्मक ढांचा दुरुस्त किया था और बूथ मैनेजमेंट के तरीके बताए थे। पंचायती राजमंत्री चौधरी
भूपेंद्र सिंह की अगुवाई में एमएलसी अशोक कटारिया, क्षेत्रीय महामंत्री सूर्यप्रकाश पाल, प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सैनी आदि की कमेटी बनाई गई है। पूरे चुनाव की कमान भूपेंद्र चौधरी के हाथों में सौंपी गई है। भाजपा ने विधानसभा क्षेत्र के चार मंडल और 351 बूथों पर अपने पदाधिकारी व कार्यकर्ता लगा दिए हैं। भाजपा प्रत्याशी अवनी सिंह के सामने समाजवादी पार्टी ने नईमुल हसन को प्रत्याशी घोषित किया है। सपा प्रत्याशी को बसपा और रालोद का समर्थन है। भाजपा प्रत्याशी के सामने सभी दल एक हो गए हैं। ऐसे में चुनाव में कांटे की टक्कर होना तय माना जा रहा है।