इन गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित जिन गांवों की जमीन को अधिग्रहित किया जाना है उमने रन्हेरा, दयानतपुर, मुढरह, करैब, वीरमपुर और करौली बांगर गांव शामिल है। यूपी सरकार ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को इन गांवों में सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
अध्ययन के लिए टीम गठित जेवर के पास बसे इन गांवों में सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का अध्ययन करने के लिए गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय ने एक टीम गठित की है। प्रोफेसर वंदना पाण्डेय और नोडल अधिकारी प्रोफेसर विवेका मिश्रा की अगुवाई में ये टीम जमीन अधिग्रहण के कारण होने वाले सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का आंकलन करने में जुट गई है।
एक गांव के सर्वे में टीम को आ रही है दिक्कत बताया जा रहा है कि पांच गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है जिसमें रन्हेरा, कुरैब, मुढरह, दयानतपुर और वीरमपुर गांव शामिल है। लेकिन करौली बांगर में सर्वे करने में इस टीम को दिक्कत आ रही है।
कहीं और जाकर नहीं बसना चाहते ग्रामीण बताया जा रहा है कि इस गांव के लोग एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीन देने को तैयार हैं, लेकिन मांग कर रहे हैं कि गांव की आबादी को अधिग्रहण से मुक्त रखा जाए। गांव के लोग इस गांव को छोड़कर कहीं और जाकर बसना नहीं चाहते हैं।