क्या आप को पता हैं ‘विश्वकर्मा भगवान ‘इंजीनियर थे !
भगवान शिव का घर भी बनाया था
लखनऊ ,विश्वकर्मा भगवान अपनी कला के माहिर थे उन्होंने ही शक्तिशाली रावण की लंका का निर्माण किया था । लंका का निर्माण भगवान् शिव ने माता पार्वती के लिए करवाया था । पंडित शक्ति मिश्रा ने बताया कि हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है,ऐसा शास्त्रों में दर्ज़ कि रावण की सोने की लंका का निर्माण भी विश्वकर्मा ने किया था। विश्वकर्मा हस्तलिपि कलाकार थे। जिन्होंने भारतीयों को सभी प्रकार की कलाऔ का ज्ञान दिया। भगवान विश्वकर्मा के पास वो कला थी जो हर किसी के पास नहीं होती किसी बेजान वस्तु में जान डालना यह कला कुछ ही में होती हैं । वर्तमान समय में इस कला को इंजीनियर का दर्जा दिया जाता हैं । इंजीनियर बनने के लिए बहुत पढ़ाई लिखाई करनी पढ़ती हैं लेकिन वो खूबसूरती से किसी चीज को बनाना सब को नहीं आता । पंडित शक्ति मिश्रा ने कहाकि इंजीनियर बनाने के लिए माता -पिता अपने बच्चों को बड़े से बड़े स्कूलों में दाखिला करवाते हैं लाखों रुपये ख़र्च करते हैं लेकिन फिर भी वो बच्चा कहने के लिए इंजीनियर बन तो जाता है लेकिन वो काम नहीं कर पता जो पहले के समय में होता था । पंडित माधव ने बताया कि पूर्व और उत्तर भारत में विश्वकर्मा पूजन हर साल 17 सितम्बर को मनाया जाता है ।
इस दिन सभी कार्यस्थलों, फैक्टरियों, माइन्स, कम्पनियों आदि में मशीनों, औजारों आदि की पूजा की जाती है। और भोग हवन इत्यादि किया जाता है । ऐसा कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा, एक देवता थे जिन्होने ब्रह्माण्ड को बनाया। वह भगवान ब्रह्म्देव के पुत्र थे और ईश्वर के रहने वाले सभी धार्मिक स्थानों का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। ईश्वर के उड़ने वाले विमानों का निर्माण भी विश्वकर्मा ने ही किया था, ईश्वरों के सभी शस्त्रों को भी विश्वकर्मा देवता ने बनाया था। विश्वकर्मा पूजन का दिन उन्ही को समर्पित है। इस दिन सभी कार्यो को बंद करके, पूजन किया जाता है और ज्यादा कार्य और समृद्धि की कामना की जाती है। हिंदुशास्त्रों की मानें तो देवता विश्वकर्मा, आज के युग की भाषा में इंजीनियर थे।
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