कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट अनिवार्य : ग्राहकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट (सीआइएस) देने को अनिवार्य किया गया है। इसमें आसान भाषा में पॉलिसी की सभी शर्तें, बीमा कवरेज, एड-ऑन्स, आइडीबी, सम एश्योर्ड, सम इंश्योर्ड राशि, क्लेम करने का तरीका, कॉन्टैक्ट नंबर, शिकायत कहां करें आदि का विवरण होगा।
पॉलिसीधारक की ओर से मोटर बीमा क्लेम करने के 24 घंटे के अंदर जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को सर्वेयर की नियुक्ति करनी होगी। सर्वेयर को 15 दिन के अंदर बीमा कंपनी को अपनी सर्वे रिपोर्ट सैंपनी होगी। इसके बाद 7 दिन के अंदर बीमा कंपनी को क्लेम सेटलमेंट पर फैसला करना होगा। यानी 21 दिन में मोटर बीमा का क्लेम सेटल हो जाएगा। विलंब होने पर बीमा कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाएगा।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अब वाहनों के लिए थर्ड पार्टी बीमा होना अनिवार्य कर दिया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होना अब दंडनीय अपराध बन गया है। यानी बीमा लेने में लापरवाही अब आपको जेल भेज सकती है। नए नियमों के मुताबिक, पहली बार अपराध होने पर 3 महीने तक की कैद और 2000 रुपए का जुर्माना और दूसरी बार गलती पाए जाने पर 3 महीने तक की जेल और 4000 रुपए का जुर्माना हो सकता है।