एआइ में एक बड़ी समस्या “कैटास्ट्रोफिक फॉरगेटिंग” होती है। यानी जब एआइ मॉडल को नई जानकारी सिखाई जाती है तो वह पुरानी जानकारी को भूलने लगता है। जैसे- एआइ मॉडल को पहले कारों की पहचान करना सिखाया गया है। इसके बाद उसी एआइ को फूलों की पहचान करना सिखाया जाता है। ऐसे करने पर एआइ की कारों की पहचान क्षमता कमजोर होने लगती है। इसी तरह फूलों की जगह कोई अन्य विषय की पहचान कराने पर, फूलों की पहचान क्षमता कमजोर होने लगती है।
डॉ. विनोद और परिनीता ने इस समस्या से बचने के लिए ‘फीचर ऑग्मेंटेशन ड्रिवन कॉन्ट्रास्टिव लर्निंग’ नामक तकनीक विकसित की है। इससे मॉडल में नई जानकारी के लिए पहले से ही जगह तैयार कर दी जाती है और नए फीचर्स को अलग पहचान दी जाती है। इसके साथ ‘सेल्फ-सुपरवाइज्ड कॉन्ट्रास्टिव लॉस’ का प्रयोग किया जाता है, जो मॉडल में पुराने और नए वर्गों के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखने में सहयोग करता है।