विभाग से आ रहे अपडेट, इसलिए हो रही देरी
रेलवे अफसरों की दलील है कि विभाग से लगातार विकास कार्यों को लेकर अपडेट आते रहते हैं। इस वजह से उनके लिए नए सिरे से प्लानिंग करनी पड़ती है। इस वजह से अभी लोगों को लग रहा है कि स्टेशन पर ज्यादा काम नहीं हुआ है लेकिन हकीकत में 50 प्रतिशत के लगभग काम पूरा हो चुका है।
लेटलतीफी से परेशान हो रहे यात्री
खुद पड़े प्लेटफॉर्म व परिसर में जगह-जगह पड़े मटेरियल के कारण सागर स्टेशन आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्लेटफॉर्म नंबर-1 की ओर जो कि स्टेशन का मुख्य प्रवेश द्वार है, वहां पर सबसे ज्यादा अव्यवस्था है। इन कार्यों से बदलनी थी स्टेशन की तस्वीर
- स्टेशन पर पुराने प्लेटफॉर्म की ऊंचाई कम है, जिसके कारण वृद्धों, बच्चों व महिलाओं को ट्रेन में चढऩे-उतरने में परेशानी होती है। प्लेटफॉर्म की ऊंचाई बढ़ाई जानी है।
- स्टेशन पर पुराने फुट ओवरब्रिज को तोड़कर नया फुट ओवरब्रिज बनाया जाना है। इसकी चौड़ाई 12 मीटर रहेगी, जिसको रानी कमलापति स्टेशन की तर्ज पर विकसित किए जाने का दावा किया जा रहा है।
- प्लेटफॉर्म नंबर-1 की ओर पिक एंड ड्रॉप के लिए तीन ट्रैक बनाए जाने हैं। यहां पर ऑटो व अन्य वाहनों के खड़े होने के लिए अलग से व्यवस्था रहेगी। पार्सल ऑफिसर की ओर वाहन पार्किंग विकसित होगी।
- स्टेशन परिसर में नए सूचना बोर्ड, शेड्स, वेटिंग रूम डवलपमेंट, सीसीटीवी कैमरा समेत अन्य पर भी काम किया जाएगा।
प्लेटफॉर्म नंबर-2 के लिए नहीं प्लानिंग
स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-2 की ओर से माल गोदाम की शिफ्टिंग हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि इस ओर भी कायाकल्प होगा लेकिन फिलहाल ये प्रोजेक्ट में शामिल नहीं है। प्लेटफॉर्म नंबर-2 की ओर शहर की करीब 60 प्रतिशत आबादी रहती है, फिर भी इस ओर कोई प्लानिंग नहीं की गई है।
जून तक प्रोजेक्ट को पूरा कर लेंगे
योजना के तहत स्टेशन पर अब तक 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रोजेक्ट को 30 जून तक पूरा करना है। हमारा प्रयास है कि तय समय पर सारे विकास कार्य पूर्ण हो जाएं। – प्रमोद गुप्ता, एडीइएन सागर