– छात्रावास परिसर में अपने परिवार के साथ रहता था
पुलिस के अनुसार केसली क्षेत्र के केवलारी गांव का रहने वाला 45 वर्षीय राजेश बाल्मीकी लंबे समय से अनाधिकृत रूप छात्रावास परिसर में अपने परिवार के साथ रहता था। राजेश के पास उसका परिचित 24 वर्षीय श्रीकांत अहिरवार का आना-जाना होता रहता था। बताया जा रहा है कि हरितालिका तीज के दिन राजेश की पत्नी व परिवार कहीं गया था, वह घर पर अकेला था। इसी रात श्रीकांत अपनी परिचित बंडा क्षेत्र की रहने वाली करीब 21 वर्षीय युवती को लेकर आया, जहां दोनों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। घटना के बाद युवती ने यह बात अपने परिजनों को बताई और सिविल लाइन थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज की, जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार सहित अन्य धाराओं में मामला पंजीबद्ध करते हुए विवेचना में लिया। सोमवार को दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
– छात्रावास छोड़ परिवार के साथ रह रहे अधीक्षक
बम्हौरी बीका स्थित शासकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास के अधीक्षक भगवानदास अहिरवार के पास अतिरिक्त प्रभार है। इसी का बहाना बनाकर वे छात्रावास में रात न रुककर अपने परिवार के साथ रहते हैं, जबकि नियमानुसार उन्हें छात्रावास में ही रुकना चाहिए। वहीं सामूहिक बलात्कार की इस घटना के बाद छात्रावास के चौकीदार की सतर्कता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
– छात्रावास अधीक्षक निलंबित
छात्रावास में सामूहिक बलात्कार के मामले को जिला प्रशासन ने गंभीर लापरवाही माना है। मंगलवार को पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया। इसके बाद कलेक्टर संदीप जी आर ने निर्देश पर सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग प्रियंका राय ने छात्रावास अधीक्षक भगवान दास अहिरवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। उक्त नोटिस पर अधीक्षक अहिरवार ने जो जवाब दिया वह संतोषजनक नहीं पाया गया। घटना के संबंध में प्रथम दृष्टतया अधीक्षक की लापरवाही को मानते हुए कलेक्टर ने निलंबित आदेश जारी किया है।
– पुलिस की भी लापरवाही
बम्होरी बीका गांव के शासकीय अनुसूचित जाति बालक छात्रावास परिसर में सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं। छात्रावास परिसर में शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है तो वहीं जुआ फड़ भी संचालित होता है। इस संबंध में छात्रावास अधीक्षक ने कई बार पुलिस को मौखिक सूचना दी है, लेकिन उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया। पुलिस की इस अनदेखी का कारण ही है कि स्वीपर और उसके साथी ने मिलकर वहां सामूहिक बलात्कार जैसी घटना को अंजाम दिया।
– सुबह से उठानी पड़ती हैं शराब की बोतलें
छात्रावास के अधीक्षक भगवादास अहिरवार ने निलंबन की कार्रवाई के पहले पत्रिका से की गई बात में बताया कि छात्रावास में बाउंड्री नहीं है, जिसके कारण लोगों का आना-जाना लगा रहता है। रात में जुआ फड़ शुरू हो जाता है तो सुबह परिसर के आसपास शराब की खाली बोतलें और डिस्पोजल आदि पड़े मिलते हैं, जिन्हें हर रोज सुबह से साफ कराना पड़ता है।