प्लांट चालू कराने प्रबंधन ने मांगे कोटेशन, पर वार्षिक मेंटेनेंस की प्रक्रिया पर नहीं ध्यान
-जिला अस्पताल में दो साल से बंद पड़ा हवा से ऑक्सीजन जनरेट करने वाला प्लांट
दमोह. जिला अस्पताल में ऑक्सीजन खरीदी का खेल चल रहा है। दो साल से मरीजों को संजीवनी खरीदकर दी जा रही है। हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि दो साल से बंद पड़े एयर से ऑक्सीजन जनरेट करने वाले प्लांट को प्रबंधन अभी तक चालू नहीं करा पाया है। कोविड के दौरान यह प्लांट लगाया गया था। कोविड के बाद देखरेख न होने के कारण यह बंद हो गया। इसके बाद प्रबंधन ने पुराने ढर्रे पर आते हुए ऑक्सीजन की खरीदी शुरू कर दी है। अभी जिला अस्पताल में लिक्विड ऑक्सीजन भोपाल से खरीदा जा रहा है। हालांकि इस मामले में प्रबंधन का कहना है कि सुधार कार्य के लिए शासन को पत्र लिखा था, जिसमें बताया गया है कि मरम्मत के लिए कोटेशन मंगा लें। इसके बाद प्रबंधन स्तर से कोटेशन मांगे गए हैं।
हालांकि यह कोटेशन सिर्फ इस प्लांट को चालू कराने तक सीमित हैं। जबकि सालाना मेंटेनेंस के लिए प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। यदि प्लांट के चालू होने के बाद फिर से प्लांट में खराबी आती है तो प्रबंधन फिर से शासन को पत्र लिखेगा और यही प्रक्रिया अपनानी होगी। अस्पताल प्रबंधक डॉ. सुरेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि अभी कोटेशन मांगे गए हैं। पहला प्रयास यह है कि प्लांट को चालू कराया जाए। वार्षिक मेंटेनेंस के लिए अलग से प्रक्रिया शुरू करेंगे।
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