प्रशासन ने बताया स्वेच्छा से तोड़े मकान, यहां कार्रवाई से नाराज लोगों ने किया चक्काजाम
लोगों का आरोप स्टे के बाद भी तोड़े मकान, मुआवजा न देना पड़े इसलिए बता रहे अतिक्रमण सागर. प्रशासन की घर, दुकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई से नाराज लोगों ने गुरुवार दोपहर लेहदरा नाके पास बायपास पर चक्काजाम कर दिया। लोगों ने जिला प्रशासन पर गलत जानकारी प्रसारित करने के भी आरोप लगाए हैं, […]
सागर. मकान तोड़े जाने से नाराज लोग चक्काजाम करते हुए।
लोगों का आरोप स्टे के बाद भी तोड़े मकान, मुआवजा न देना पड़े इसलिए बता रहे अतिक्रमण सागर. प्रशासन की घर, दुकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई से नाराज लोगों ने गुरुवार दोपहर लेहदरा नाके पास बायपास पर चक्काजाम कर दिया। लोगों ने जिला प्रशासन पर गलत जानकारी प्रसारित करने के भी आरोप लगाए हैं, उनका कहना था कि हमारे घर, दुकानें बलपूर्वक मशीनों से तोडऩे के बाद प्रशासन स्वेच्छा से तोडऩा बता रहा है, जबकि यह सरासर झूठ है। चक्काजाम के चलते कुछ ही देर में सड़क पर दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। जाम की सूचना के बाद मोतीनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन लोग कुछ भी सुनने तैयार नहीं थे। इसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से तहसीलदार पहुंचे और आश्वासन देकर जाम समाप्त कराया। लोगों ने अपनी मांगों संबंधी एक ज्ञापन भी तहसीलदार को सौंपा है।
दरअसल लेहदरा नाका के पास रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण चल रहा है, जिसमें रेलवे लाइन के पास बने करीब डेढ़ दर्जन मकान, दुकानें बाधक बन रहीं थीं। जिसको लेकर प्रशासन ने लोगों को नोटिस जारी किए थे। इसके बाद दो दिन पहले जिला प्रशासन का अमला पुलिस बल के साथ अलसुबह मौके पर पहुंचा और मकान, दुकान तोडऩे की कार्रवाई शुरू कर दी। इसके बाद प्रशासन ने जनसंपर्क के माध्यम से सूचना जारी कराई कि लोगों ने सहयोग करते हुए स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाया है, जबकि लोगों का कहना है कि उनका कोई अतिक्रमण है ही नहीं। मकान, दुकानों की रजिस्ट्री, टैक्स रसीद सहित अनुमति है।
स्टे के बाद तोड़े मकान: कार्रवाई में जिन लोगों के मकान, दुकान टूटे हैं उनमें शामिल देवेंद्र उपाध्याय का कहना है कि अधिकारियों ने कार्रवाई के दौरान हमारी कोई बात नहीं सुनी, जबकि हम कोर्ट से स्टे लेकर आए थे। मकान 6 फीट तोडऩा था जो 15 फीट तोड़ दिया गया। वहीं लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन द्वारा जारी नोटिस में 18 जून तक स्वयं मकान तोडऩे बोला था और न तोडऩे पर 19 जून को कार्रवाई करने कहा था, लेकिन समय से पहले ही तोडऩे की कार्रवाई की गई है।
मुआवजा देने से बच रहा प्रशासन
मामले में आदर्श जैन ने भी आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि लोगों के पास दस्तावेज होने के बाद भी प्रशासन ने बलपूर्वक कार्रवाई की। अब लोग बारिश में बेघर हो गए हैं तो दुकानें टूटने से बेरोजगार हो गए हैं। उनका आरोप है कि लोगों को मुआवजा न देना पड़े इसलिए प्रशासन अतिक्रमण बता रहा है। कार्रवाई के फोटो-वीडियो भी लोगों के पास हैं।
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