स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही
15 साल की किशोरी के स्कूल में प्रसव होने के मामले में परिवार के साथ स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस का कहना है कि स्कूल प्रबंधन ने स्कूल में दाई को बुलाया और मासूम की नार्मल डिलेवरी कराई। शव को जलाया गया, लेकिन इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को नहीं दी, बल्कि मामले को दबाने की कोशिश की गई।यह जांच का विषय
पुलिस की पूछताछ में स्कूल की महिला शिक्षक, डिलेवरी कराने वाली दाई ने बताया कि बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था, लेकिन पुलिस का कहना है कि इस बात की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगी। इसके अलावा मामले में यह बात अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है कि बच्चे को किसके कहने पर किसने जलाया है। इन सब को लेकर अधिकारी जांच-पड़ताल कर रहे हैं।दिन भर चली पड़ताल
नाबालिग का स्कूल में प्रसव और फिर बच्चे को जलाने के मामले की खबर लगते ही पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी मंगलवार सुबह बंडा पहुंचे और पूरे दिन पड़ताल करते रहे। पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संजीव उइके, बंडा एसडीओपी शिखा सोनी, प्रशासन की ओर से बीना एसडीएम गगन विसेन, तहसीलदार महेंद्र चौहान सुबह से लेकर शाम तक पड़ताल करते रहे।अलग से जांच कमेटी गठित की है
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर अलग से बंडा एसडीएम के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया है। टीम में तहसीलदार, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी शामिल हैं। यह टीम स्कूल प्रबंधन सहित स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर हुई लापरवाही की विस्तृत जांच कर प्रतिवेदन सौंपेगी।संदीप जी आर, कलेक्टर
डॉ. संजीव उइके, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बीना