इतने मरीज आते हैं एक दिन में- एसआरजी चिकित्सालय के ब्लड बैंक के पास ही न्यूरो विभाग की ओपीडी है, जहां शुक्रवार व बुधवार को ही मरीज देखे जाते हैं। एक दिन में करीब तीन सौ मरीज आते हैं। मरीजों की कतार इतनी लंबी होती है कि एक तरफ पुरूष व दूसरी तरफ महिलाएं खड़ी रहती है। डॉक्टर के कक्ष में व बाहर पैर रखने तक की जगह नहीं रहती है। वहीं जिस कमरे में डॉक्टर मरीजों को देखते हुए नजर आए वह भी बहुत छोटा है।
बड़ा कक्ष- पत्रिका टीम ने जब मरीजों से बात की तो कई मरीजों ने कहा कि यहां बैठने की जगह नहीं है, पास में एक बड़ा रूम है, जिस पर हमेशा ताला लगा रहता है। वो मरीजों को देखने के लिए दिया जाएं तो वहां आसानी से मरीज बैठ सकते हैं व डॉक्टर आसानी से देख पाएंगे।
ऐसे बताई मरीजों ने अपनी पीड़ा- 01. मेरा डेढ़ साल से न्यूरो के डॉक्टर का इलाज चल रहा है। रायपुर के पास रावल गांव से आई हूं। सुबह दस बजे से बैठी हूं। दो घंटे हो गए है।यहां ओर डॉक्टर लगाए जाने चाहिए।
बादाम बाई, मरीज रावल 02. सिर में दर्द रहता है, भीड़ अधिक होने से जाने नहीं दे रहे हैं, खड़े-खड़े दो घंटे हो गए है। कम से कम बैठने की सुविधा तो होनी चाहिए।
छोटी बाई, रामगंज मंडी। 03.मेरे एक पैर में खिंचाव है, चलने में दिक्कत है, सुबह 11 बजे से लाइन में लगी हुई हूं। अभी तक नंबर नहीं आया है। सरकार को यहां और डॉक्टर लगाने चाहिए।
सुमित्रा नूरजी गाडरवाड़ा। 04.पैर की एक नस दबी हुई है, इससे चलने में दिक्कत हो रही है। एक घंटा हो गया है, अभी तक नंबर नहीं आया है। मिनीक्षा रामगंजमंडी।
04.मुझे घंटाभर हो गया है। यहां एसआरजी में न्यूरो विभाग में दिखाने आया था। लेकिन अभी तक नंबर नहीं आया है। सुबह से भीड़ लगी हुई है। बैठने की सुविधा करनी चाहिए । जुगलसिंह मरीज, झालावाड़।
05.मैं सुबह दस बजे से बैठा हुआ हूं, दो की जगह यहां तीन डॉक्टर बिठाना चाहिए, ताकि ऐसी दिक्कत नहीं आएं। आफताब आलम, झालरापाटन। अवगत करा रखा है- एसआरजी में कमर दर्द, लकवा, हैडेक सहित न्यूरो संबंधी कई मरीज आते हैं। शुक्रवार व बुधवार को ही ओपीडी होती है, लेकिन हमारे पास स्पेस की कमी है, इसलिए भीड़ नजर आती है। बैठने के लिए बैंच व अन्य संसाधनों के लिए अधीक्षक व डीन को लैटर लिखा हुआ है।
डॉ.राम सेवक योगी, विभागाध्यक्ष, न्यूरो सर्जरी विभाग। कमरा है खुलवा देंगे- पास में 266 नंबर का कमरा है उसे न्यूरो सर्जरी के लिए खुलवा देंगे ताकि वहां मरीज बैठ सके। उपकरण व अन्य संसाधन के लिए उच्चाधिकारियों को डिमांड भेज रखी है।
डॉ.अशोक शर्मा, अधीक्षक, एसआरजी चिकित्सालय, झालावाड़