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57 पालकियों और 180 किलो चांदी के रथ में विराजमान होकर निकले श्रीजी

– ललितपुर से आया चांदी का रथ, बंडा, सौरई, गौरझामर और सुरखी के रथ हुए शामिल – आचार्य विद्यासागर महाराज का मनाया 57 वां मुनि दीक्षा दिवस, कार्यक्रम में शामिल हुए 20 हजार से अधिक भक्त सागर. उत्कृष्ट समाधि विजेता आचार्य विद्यासागर महामुनिराज का 57 वां मुनि दीक्षा दिवस सागर में निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज […]

सागरJul 12, 2024 / 08:33 pm

प्रवेंद्र तोमर

– ललितपुर से आया चांदी का रथ, बंडा, सौरई, गौरझामर और सुरखी के रथ हुए शामिल

– आचार्य विद्यासागर महाराज का मनाया 57 वां मुनि दीक्षा दिवस, कार्यक्रम में शामिल हुए 20 हजार से अधिक भक्त
सागर. उत्कृष्ट समाधि विजेता आचार्य विद्यासागर महामुनिराज का 57 वां मुनि दीक्षा दिवस सागर में निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज ससंघ के सानिध्य में गुरुवार को सुबह उत्साह के साथ मनाया गया। इस मौके पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। 57 रजत पालकियों में 57 श्रीजी की प्रतिमा विराजमान होकर निकली। ललितपुर से चांदी के रथ पर भी श्रीजी की प्रतिमा को विराजमान किया गया था। शोभायात्रा पालकी को ले जा रहे सभी श्रद्धालु सफेद धोती और गमछा ओड़कर पालकी थामे थे। उसके बाद रथों में श्रीजी को विराजमान किया गया था।
शोभायात्रा में दिव्य घोष, बैंड पार्टी, झांकियां और महिला मंडल साथ चल रहे थे। आचार्यश्री के हजारों चित्र लेकर लोग शोभायात्रा में शामिल हुए, समापन मंगलगिरी में हुआ। बड़ी संख्या में लोगों को जनसैलाब उमड़ परा। सुबह 7 बजे बाहुबली कॉलोनी से शुरू शोभायात्रा सुबह 11.30 बजे मंगलगिरी पहुंची। 5 किमी का रास्ता तय करने में करीब 5 घंटे का समय लगा।
मेरी आवाज से पूरा सागर आ गया : सुधा सागर

मंगलगिरी में आयोजित धर्मसभा में सुधा सागर महाराज ने आचार्य विद्यासागर के गुरु आचार्य ज्ञान सागर महाराज की जो इच्छा थी कि आचार्य संघ गुरुकुल बने और गुरुदेव ने दृढ़ इच्छाशक्ति और अपने गुरुदेव के आशीर्वाद के चलते संघ को गुरुकुल बनाने में कोई कसर नहीं छोडी। गुरुदेव के आशीर्वाद से 350 से ज्यादा मुनि महाराज, आर्यिकाएं, ऐलक, क्षुल्लक महाराज और एक हजार से ऊपर ब्रह्मचारी भैया बहनें मोक्ष मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी एक आवाज में सारा सागर 5 किमी दूर जंगल में आ गया। लोग कहते हैं सागर खारा होता है लेकिन हम कहते हैं सागर का नाम रत्नाकर होता है। आषाढ़ सुदी पंचमी को आप को व्रत रखना चाहिए और याद रखना चाहिए कि आचार्य भगवान ने जैन समाज को दिया। सुधासागर महाराज ने कहा कि मंगलगिरी आचार्य श्रीजी का पहला सोपान था। गुरुदेव का बड़ा मन था, लेकिन परिस्थितिजन्य वह कार्य नहीं हो पाया। मंगल गिरी क्षेत्र कितना शानदार है। आज नहीं तो कल पूरा सागर इस मंगलगिरी क्षेत्र पर गर्व करेगा। यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय तीर्थक्षेत्र बन जाएगा।
जुलूस में हुआ चमत्कार

महाराज ने कहा कि जुलूस में एक रथ दो हाथियों के सहारे चल रहा था। लोगों ने कहा श्याम भंडार के सामने यह निकलेगा नहीं, लेकिन गुरुदेव ने चमत्कार किया। जनता को दूर किया 30 सेकंड में वह बगैर किसी को छुए हुए अंदर के मार्ग पर चला गया। लोगों को भरोसा नहीं था कि ऐसा कैसे हो गया। जुलूस का संचालन और अन्य धार्मिक क्रियाएं प्रतिष्ठाचार्य प्रदीप भैया अशोकनगर ने कराई।
दस हजार लोगों की हुई भोजन व्यवस्था

पूर्व विधायक सुनील जैन और उनकी पत्नी निधि जैन ने दस हजार से अधिक लोगों को अपने परिवार की ओर से भोजन की व्यवस्था कराई। सुनील जैन नेताजी कानपुर ने 57 वाटर कूलर सरकारी दफ्तरों में सागर जिले में लगवाए हैं। इस प्रयास के लिए मंच से उनका सम्मान हुआ। जुलूस में विधायक शैलेंद्र जैन, मुकेश जैन, जय कुमार जैन, राजकुमार जैन, ऋ षभ जैन, देवेन्द्र जैन, नेवी जैन, मनीष नायक, चक्रेश जैन, आशीष जैन, प्रशांत जैन, राजकुमार मिनी, रोहित जैन बिलहरा, अंकित नेता, प्रशांत सनौधा, विशाल नरयावली, अंकुश बहेरिया, सुरेन्द्र जैन, प्रदीप जैन, हर्ष जैन सहित सभी 60 जैन मंदिरों के अध्यक्ष, मंत्री पदाधिकारी एवं जैन समाज की सभी संस्थाओं के लोग उपस्थित थे।

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