इन बीमारियों के कारण होते है नाखून सफेद : Reasons behind white nails
फंगल इंफेक्शन नाखूनों का सफेद (Reasons behind white nails) होना फंगल संक्रमण का संकेत हो सकता है। जब वातावरण में मौजूद रोगाणु नाखूनों या उनके आस-पास की त्वचा में छोटी-छोटी दरारों में प्रवेश करते हैं, तो फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप नाखून कमजोर होकर टूटने लगते हैं, मोटे हो जाते हैं, और उनका रंग पीला, भूरा या सफेद हो सकता है।
मिनरल्स की कमी कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि नाखूनों का सफेद (Reasons behind white nails) होना कैल्शियम और जिंक जैसे खनिजों की कमी का संकेत हो सकता है। नाखूनों की प्लेट विभिन्न पोषक तत्वों के मिश्रण से बनी होती है। जब इन पोषक तत्वों की मात्रा कम होती है, तो नाखूनों का रंग सफेद होने लगता है।
दवाईयों के कारण कुछ औषधियाँ नाखूनों के सफेद होने का कारण बन सकती हैं। इनसे नाखूनों पर सफेद रेखाएँ दिखाई देती हैं। ये दवाएँ नाखूनों की वृद्धि को धीमा करने, उन्हें पतला करने और टूटने जैसी समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं। इनमें कैंसर के उपचार के लिए कीमोथेरेपी, रेटिनोइड्स, सल्फोनामाइड्स और क्लोक्सासिलिन जैसी कई औषधियाँ शामिल हैं।
जहरीले मेटल के संपर्क के कारण नाखूनों का सफेद (Reasons behind white nails) होना यह दर्शा सकता है कि आप आर्सेनिक और थैलियम जैसे विषैले धातुओं के संपर्क में आए हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न हो सकती है जब आप दूषित भोजन का सेवन करते हैं या किसी औद्योगिक क्षेत्र में निवास या यात्रा करते हैं। इसके परिणामस्वरूप नाखूनों में मीस लाइन्स नामक सफेद धारियाँ बन सकती हैं, जो नाखूनों के सफेद होने का कारण बनती हैं।
मैनीक्योर के कारण मैनीक्योर कराने से नाखूनों के नीचे की त्वचा, जिसे नेलबेड कहा जाता है, को हानि पहुँच सकती है। इसके परिणामस्वरूप नाखूनों पर सफेद धब्बे या निशान उत्पन्न हो सकते हैं। यदि मैनीक्योर के दौरान तेज उपकरणों का उपयोग किया जाता है, तो इससे भी नुकसान हो सकता है और सफेद धब्बे दिखाई दे सकते हैं, जो नाखूनों को बार-बार क्षति पहुँचाने का संकेत देते हैं। इसके कारण नाखूनों में फटने, छिलने और कमजोरी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।