राज्य के प्रमुख 207 बांधों में से 28 बांध सूख गए हैं। इन बांधों में से ज्यादातर सौराष्ट्र रीजन के हैं। हालांकि प्रदेश के सभी बांधों में संग्रह क्षमता के मुकाबले पानी का संग्रह 41 फीसदी के आसपास है। प्रदेश के सभी 207 प्रमुख बांधों की कुल जल संग्रह की क्षमता 25262.29 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) है। इसके मुकाबले रविवार की स्थिति में 10394.74 एमसीएम पानी शेष रह गया, जो 41.05 प्रतिशत है।गुजरात में रीजन के आधार पर फिलहाल सबसे अच्छी स्थिति मध्य गुजरात की है। इस रीजन के कुल 17 बांधों में 2347 एमसीएम जल संग्रह की क्षमता है और फिलहाल 1037 एमसीएम पानी मौजूद है, जो 44.22 फीसदी है। 13 बांधों वाले गुजरात रीजन में 8603.70 एमसीएम की क्षमता है और फिलहाल इनमें 2891.06 एमसीएम जल संग्रह है। यह 33.60 फीसदी है।
उत्तर गुजरात के 15 बांधों में जलसंग्रह की क्षमता 1929 एमसीएम है जबकि 529.36 एमसीएम (27.44 फीसदी) पानी बचा है। कच्छ रीजन में 24.39 फीसदी पानी बचा है। 20 बांधों वाले इस रीजन में पानी संग्रह की क्षमता 325.24 एमसीएम है और फिलहाल यहां 79.72 एमसीएम पानी है।
नर्मदा बांध में 57.98 फीसदी
123 मीटर पानीराज्य के 9460 एमसीएम पानी की क्षमता वाले राज्य के सबसे बड़े नर्मदा बांध में फिलहाल 5485.05 एमसीएम पानी है, जो क्षमता के मुकाबले 57.98 फीसदी है। बांध की कुल ऊंचाई (138.68 मीटर) के मुकाबले रविवार सुबह तक स्तर 123.13 मीटर दर्शाया गया। बीते कुछ दिनों से बारिश के चलते नर्मदा बांध का जल स्तर भी बढ़ा है।मोरबी का मच्छू-3 बांध हाईअलर्टसौराष्ट्र के बांधों में भले ही पानी की तंगी नजर आ रही है लेकिन अभी भी मोरबी का मच्छू-3 बांध हाईअलर्ट मोड पर है। बांध में क्षमता के मुकाबले 93.58 फीसदी संग्रह मौजूद है। इसके अलावा सुरेन्द्रनगर के वंशल बांध में भी पानी का संग्रह 82.19 फीसदी है, जो अलर्ट मोड पर है। महीसागर के वाणकबोरी बांध में भी 82.55 फीसदी पानी है। सुरेंद्रनगर के धोलीधजा और राजकोट का आजी-2 बांध को भी चेतावनी के रूप में दर्शाया गया है। इन दोनों बांधों में क्षमता के मुकाबले 72 फीसदी से अधिक जल संग्रह है।