दक्षिण भारत से आता है श्रीफल और साबूदाना दशकों से किराना का व्यापार करने वाले बुजुर्ग व्यापारी रमेश चंद्र सोतानी बताते हैं कि श्रीफल, सूखा नारियल कालीकट से आता है। जबकि साबूदाना सेलम से मंगवाते हैं। नवरात्र को देखते हुए श्रीफल के भाव में उछाल है। 16-17 रुपए के भाव से बिकने वाला नारियल अभी 25-30 रुपए तक पहुंच गया है। बाजार में फलाहार के विकल्पों को लेकर उन्होंने बताया कि साबूदाना, सिंगदाना, आलू चिप्स और कतरन, वॉल की दाल सहित कई विकल्प उपलब्ध हैं। साबूदाना और सिंगदाने की मांग कई गुना बढ़ जाती है।
देवी उपासना की गांवों में खूब आस्था पूजन सामग्री युवा विक्रेता भाविक पटियात बताते हैं कि नवरात्र शुरू होने से पहले पूजन सामग्री की खरीदारी का काफी जोर रहता है। गांवों से बढ़ी संख्या में श्रद्धालु हवन सामग्री, नारियल, धूप सहित विविध पूजन सामग्री खरीदने पहुंचते हैं। शहरी लोग भी खरीदारी को पहुंचते हैं।
केले की मांग खूब, बढ़ जाती है ढाई गुना खपत फल विक्रेता राजू मईड़ा बताते हैं कि नवरात्र में केले की मांग काफी बढ़ जाती है। सामान्यतौर पर समझें तो आमदिनों में तकरीबन 30 किलो केले की बिक्री होती है तो नवरात्र में 75 से 80 किलो केला एक दिन में बिक जाता है। मांग को लेकर केले के भाव में भी इजाफा हो गया है।
बांसवाड़ा के गेंदा से महकेगा मां का दरबार फूल विक्रेता सुनील माली बताते हैं कि नवरात्र में गेंदा का भाव काफी कम है। स्थानीय स्तर पर गेंदा की उपलब्धता के कारण गेंदा के भावों पर अंकुश है। बारिश थम जाने के कारण पैदावार भी अच्छी लग रही है। ऐसे में लोकल गेंदा की उपलब्धता के कारण माता का दरबार इस नवरात्र बांसवाड़ा के गेंदा से ही महकेगा। लेकिन गुलाब और रजनीगंधा के भाव चढ़े हुए हैं। वहीं, खपत की बात करें तो नवरात्र में पहले-दूसरे और अंतिम तीन दिन खूब खपत रहती है। अनुमानित तौर पर बांसवाड़ा 25 से 30 क्विंटल फूल की बिक्री होगी।
चुनरी की भी खूब डिमांड चुनरी विक्रेताओं ने बताया कि 10 रुपए से लेकर 150 रुपए तक की चुनरियां उपलब्ध हैं। इनके अतिरिक्त अधिकांश पूजन सामग्री और चुनरी दोनों अहमदाबाद और इंदौर से आते हैं।
यहां से होती है सप्लाई सामान : स्थान श्रीफल : कालीकट, केरल साबूदाना : सेलम, तमिलनाडू सामां : नासिक वाल की दाल, सिंगदाना : भरूच, गुजरात आलू चिप्स, कतरन : इंदौर
राजगीरा व सिंघाड़ा आटा : भीलवाड़ा