दमोह. जिले में उद्योग खोलने और राशि निवेश करने वाले अब सामने आने लगे हैं। लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों के लिए भूखंड संबंधी आवेदन जमा किए जाने लगे हैं। सागर में हुई इंवेंस्टर्स समिट के बाद से अब तक एक दर्जन आवेदन एमएसएमई विभाग के पास पहुंच चुके हैं। यहां परेशानी की बात यह है कि राज्य स्तर से विभाग का पोर्टल बंद पड़ा है। दो महीने से पोर्टल चालू नहीं हो पाया है। इस कारण से जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। बता दें कि मप्र के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएम) विभाग का काम, एमएसएमई को विकसित करने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए नीतियां बनाना है। यह विभाग, एमएसएमई को कर्ज, प्रौद्योगिकी और बाजार तक पहुंचाने में मदद करता है। साथ ही स्वरोजग़ार के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करता है, पर पोर्टल बंद होने से इस दिशा में किए जा रहे प्रयास सफल नहीं हो पा रहे हैं। -जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण उद्योग विभाग की जमीनें चिंहित हैं, पर पिछले कुछ सालों से भूखंड आवंटन की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। भूखंड आवंटन के लिए आवेदक परेशान हो रहे हैं, लेकिन विभाग भूमि आवंटन की प्रक्रिया को शुरू नहीं कर पा रहा है। इधर, शहर में विभाग की खाली पड़ी जमीनों पर अतिक्रमण हो रहे हैं। अवैध कब्जों को भी विभाग खाली नहीं करा पा रहा है। मारूताल क्षेत्र में विभाग की जमीन पर काफी हिस्सें पर लोगों ने कब्जा कर लिया है। -शहर में नहीं है कार्यालय, अधिकारी भी छुट्टी पर जानकारी के अनुसार एमएसएमइ विभाग का कार्यालय दमोह में नहीं है। सागर में इसका ऑफिस है। बताया जाता है विभाग प्रमुख दो महीने की छुट्टी पर हैं। इस वजह से भूमि आवंटन की प्रक्रिया पोर्टल शुरू होने के साथ अधिकारी के ज्वाइनिंग के बाद शुरू हो पाएगी।
वर्शन एमएसएमइ पोर्टल के संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। उद्योग विभाग की क्रांति उद्यम योजना का लक्ष्य पूरा हो गया है। इस वजह से हमारे विभाग का पोर्टल बंद है। बीएल अहिरवार, महाप्रबंधक उद्योग विभाग